क्या 99 साल की लीज पर मिली थी भारत को आजादी? 21 साल बाद गुलामी का खतरा? पूरी सच्चाई उड़ा देगी आपके होश

इसलिए आजादी के बाद भी लार्ड माउंटबेटन को बनाया गया था भारत का गवर्नर जनरल

डोमिनियन स्टेट्स के तहत मिली थी भारत को आजादी, 1947 में ब्रिटिश सरकार ने की थी पावर ट्रांसफर

1952 तक ब्रिटिश डोमिनियन था हर भारतीय, फिर 15 अगस्त को 1947 को कैसे आजाद हुए हम

हर साल जब जब स्वतन्त्रता दिवस और गणतंत्र दिवस आता है तो भारत की आजादी का जिन्न बाहर आजाता है। अक्सर चर्चा रहती है कि भारत को ब्रिटिश सरकार से सिर्फ 99 साल के लिए लीज पर आजादी मिली है। 99 साल बाद भारत फिर से अंग्रेजो का गुलाम हो जायेगा। सही तथ्यों और वास्तविकता की जानकारी ना होने के चलते हमेशा इस सवाल को लेकर लोगों में भ्रम बना रहता है। आज हम आपको अपनी इस रिपोर्ट में भारत की आजादी के रुमर से रूबरू कराएंगे और आपको बताएंगे कि आखिर 99 साल की लीज का मसला क्या है। लेकिन उससे पहले आप हमें बता दीजिए कि क्या अंग्रेज फिर से भारत पर कब्जा कर सकते हैं। अगर नहीं तो हमारे कमेन्ट बॉक्स में भारत माता की जय जरूर लिखें।
बता दें कि 1947 से लेकर अब तक हर बार 15 अगस्त के दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर 26 जनवरी के दिन राष्ट्रपति कर्तव्य पथ पर झंडा फहराकर भारत देश को मिली आजादी संविधान के लागू होने की याद दिलाते आ रहे हैंलेकिन क्या 21 साल बाद भारत फिर ब्रिटेन का गुलाम हो जाएगा. कोई कहता है कि भारत को आजादी 15 अगस्त को नहीं मिली क्योंकि 1950 तक तो हम ब्रिटेन के डोमिनियन में थे. अगर सच में हमें आजादी मिली होती तो हमने सभी अंग्रेजों को मारकर क्यों नहीं भगाया. आजादी के बाद भी अंग्रेज अफसर लॉर्ड माउंटबेटन को गवर्नर जनरल क्यों बनाया गया. क्या भारत को आजादी मिली ही नहीं लीज पर ली गई थी 99 साल के बाद हम फिर से गुलाम हो जाएंगे.जब ब्रिटिश संसद ने इंडिया इंडिपेंडेंस एक्ट पास करके पावर का ट्रांसफर किया या कहे कि भारत को आजाद किया तो क्या ब्रिटिश सरकार फिर से इस एक्ट को वापस लेकर भारत की आजादी को छिन सकती है क्योंकि संसद द्वारा बनाए गए एक्ट को तो संसद द्वारा वापस भी लिया जा सकता है. इस साल भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस तो मना रहा है लेकिन उससे कुछ समय पहले बीजेपी की फीमेल स्पोक्स पर्सन रूचि पाठक का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें रूचि ने कहा था कि भारत पूरी तरह से आजाद नहीं है. नेहरू ने लिखित समझौता करके ब्रिटिश क्राउन से 99 साल के पट्टे पर भारत को आजादी दिलाई है. इस बयान को लेकर कांग्रेस के स्पोक्स पर्सन गौरव जैन ने तंज कसते हुए कहा था कि बीजेपी के प्रवक्ता WhatsApp युनिवर्सिटी की टॉपर हैं.
ऐसे लोगों के बयानबाजी के चलते ही हमेशा आम लोगों में भ्रम की स्तिथि रहती है।
लेकिन उसकी वास्तविकता कुछ और ही है। भारत ने जो एक्ट लागू कराया था इसके कई फायदे भी थे जैसे 15 अगस्त 1947 तक भारत का अपना कोई संविधान नहीं था संविधान बनने तक भारत को सिविल सर्वेंट्स मिलिट्री ऑफिसर्स की जरूरत थी डोमिनियन स्टेटस के तहत भारत ब्रिटेन के सभी सर्विसेस को इस्तेमाल कर सकता था. इसको आप इस तरह से समझ सकते हैं कि जब तक आपके पास अपनी कार नहीं है तब तक किसी की कार रेंट पर लेकर यूज करना फिर जब अपनी खुद की कार खरीद लो तो दूसरे की कार को हमेशा के लिए वापस दे देना. दूसरा कारण यह था कि 565 छोटी बड़ी रियासतों का फैसला होना अभी बाकी था. 18 जुलाई को ब्रिटिश गवर्नमेंट द्वारा शाही मोहर लगा दी जाती है. मोहर लगने के साथ ही 15 अगस्त 1947 को इंडिया में इंडिपेंडेंस एक्ट इंप्लीमेंट हो जाता. इसी एक्ट के तहत संविधान सभा आजाद भारत की पहली विधायिका बनी जवाहरलाल नेहरू भारत सरकार के पहले प्रधानमंत्री बने. वायसराय के पद को भंग करके लुईस माउनबेटन को गवर्नर जनरल बनाया गया.दरअसल संविधान के आर्टिकल 395 के तहत भारत के संविधान को कॉन्स्टिट्यूशन ऑटोक्थोनी हासिल हुई इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट अमान्य हो गया ऑटोक्थोनी का मतलब होता है मूल जमीन से उपजा संवैधानिक मूल्य एक देश का ऐसा संविधान जिसे उसी देश के लोगों द्वारा बनाया गया हो उस पर पूर्ण रूप से केवल उस देश के नागरिकों का अधिकार हो बाहर के किसी भी व्यक्ति किसी भी शक्ति का जिस पर कोई असर ना हो मतलब अब ब्रिटिश गवर्नमेंट इंडिया इंडिपेंडेंस एक्ट को रद्द करें जला दे या कुछ भी करें अब भारत पर इसका कोई भी असर नहीं होगा.
इस बात को इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन में क्लियर लिख दिया गया है अब आप यहां खुद देख सकते हैं कि आज के समय में किसी एक देश के द्वारा किसी दूसरे देश की भूमि के एक छोटे से टुकड़े पर भी कब्जा करने के लिए कितनी लाशें गिरेंगी. इसका अंदाजा लगा लगा पाना कितना मुश्किल है इसे आप इस तरह से समझ सकते हैं कि चाइना एक सुपरपावर होते हुए भी अपने द्वीपीय भूखंड ताइवान पर कब्जा करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है भारत पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके पर कब्जा करने के लिए अभी तक सोच ही रहा है. वहीं इजराइल गाजा पर कब्जा करने के लिए कोशिश ही कर रहा है फिर भारत की आजादी को छीनना तो बहुत बड़ी बात है. अगर आप सच्चे देश भक्त हैं और अपने देश के लिए कुछ करने का जज़्बा अपने अंदर रखते हैं तो एक बार हमारे कमेंट बॉक्स में भारत माता की जय जरूर लिखें।

ब्यूरो रिपोर्ट Tnf Today

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *