अखिलेश यादव पर महिला विरोधी होने का आरोप, गेस्ट हाउस कांड और मुलायम की टिप्पणी फिर चर्चा में
लखनऊ, 9 अप्रैल 2025: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को “टोटी चोर” कहे जाने के बाद राजनीतिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बयान के विरोध में सपा कार्यकर्ताओं, खासकर समाजवादी महिला सभा ने लखनऊ में प्रदर्शन किया और रेखा गुप्ता के खिलाफ नारेबाजी की। हालांकि, इस प्रदर्शन के दौरान सपा की ओर से कथित तौर पर अभद्र और अश्लील टिप्पणियों का इस्तेमाल किया गया, जिसके बाद अब अखिलेश यादव पर महिला विरोधी होने का आरोप लग रहा है। इस मामले ने अखिलेश और उनकी पार्टी के इतिहास को फिर से चर्चा में ला दिया है, जिसमें उनके पिता मुलायम सिंह यादव की विवादित टिप्पणी और मायावती के साथ गेस्ट हाउस कांड की घटनाएं शामिल हैं।
रेखा गुप्ता का बयान और सपा का पलटवार
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में एक टीवी चैनल पर अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए उन्हें “टोटी चोर” कहा था। इस बयान पर सपा भड़क गई और समाजवादी महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह के नेतृत्व में लखनऊ के हजरतगंज में गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने काली पट्टियां बांधीं और रेखा गुप्ता से माफी की मांग की। लेकिन इस दौरान सपा के कुछ कार्यकर्ताओं और कथित तौर पर पार्टी के ऑफिशियल मीडिया सेल अकाउंट से रेखा गुप्ता के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक और भद्दी टिप्पणियां की गईं, जिसकी चौतरफा आलोचना हो रही है।
अखिलेश पर महिला विरोधी होने का आरोप
रेखा गुप्ता के खिलाफ सपा की इस प्रतिक्रिया को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या अखिलेश यादव एक महिला मुख्यमंत्री का अपमान करवा रहे हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि अखिलेश ने पहले भी कई नेताओं द्वारा उनके खिलाफ की गई निजी टिप्पणियों पर चुप्पी साधी थी, लेकिन इस बार एक महिला मुख्यमंत्री के खिलाफ उनके कार्यकर्ताओं की अभद्रता उनकी दोहरी मानसिकता को दर्शाती है। बीजेपी नेताओं ने इसे अखिलेश की “महिला विरोधी सोच” का सबूत बताया और उनके परिवार के इतिहास को फिर से कटघरे में खड़ा किया।
मुलायम की विवादित टिप्पणी का जिक्र
इस विवाद में अखिलेश के पिता और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की एक पुरानी टिप्पणी को भी याद किया जा रहा है। साल 2014 में मुलायम ने बलात्कार के मामलों पर कहा था, “लड़के हैं, गलती हो जाती है।” इस बयान की उस वक्त जमकर निंदा हुई थी और इसे महिलाओं के प्रति असंवेदनशील करार दिया गया था। बीजेपी नेताओं का कहना है कि अखिलेश उसी सोच को आगे बढ़ा रहे हैं, जहां एक महिला मुख्यमंत्री का अपमान उनकी पार्टी के लिए सामान्य बात है।
गेस्ट हाउस कांड और मायावती से दुश्मनी
इसके साथ ही, 1995 के गेस्ट हाउस कांड की घटना भी फिर से सुर्खियों में है। उस वक्त सपा कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के स्टेट गेस्ट हाउस में बीएसपी नेता मायावती पर हमला किया था, जिसके बाद उनकी जान बचाने के लिए बीजेपी नेताओं को हस्तक्षेप करना पड़ा था। इस घटना ने मायावती और मुलायम के बीच दुश्मनी की ऐसी खाई पैदा की जो आज तक कायम है। बीजेपी का आरोप है कि सपा का महिलाओं के प्रति रवैया उस घटना से लेकर अब तक नहीं बदला है और रेखा गुप्ता के खिलाफ अभद्रता उसी मानसिकता का नतीजा है।
अखिलेश पर पहले भी हुए हमले, लेकिन चुप्पी
दिलचस्प बात यह है कि अखिलेश यादव के खिलाफ पहले भी कई नेताओं ने निजी और आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं, लेकिन उन्होंने कभी इसका खुलकर विरोध नहीं किया। बीजेपी नेताओं का कहना है कि अखिलेश ने तब तो सहनशीलता दिखाई, लेकिन अब एक महिला मुख्यमंत्री के खिलाफ उनके कार्यकर्ताओं की हरकत उनकी असली सोच को उजागर करती है। सवाल उठ रहा है कि क्या अखिलेश सिर्फ अपने राजनीतिक हितों के लिए इस तरह के प्रदर्शनों को हवा दे रहे हैं?
सपा की सफाई और आगे की रणनीति
विवाद बढ़ने के बाद सपा ने सफाई देने की कोशिश की है। जूही सिंह ने कहा कि रेखा गुप्ता का बयान अखिलेश यादव के सम्मान पर हमला था और उनका प्रदर्शन जायज है। हालांकि, पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं की अभद्र टिप्पणियों पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उधर, बीजेपी इसे मुद्दा बनाकर सपा को घेरने की तैयारी में है और इसे महिला सम्मान से जोड़कर 2027 के विधानसभा चुनाव में भुनाने की रणनीति बना रही है।
इस पूरे मामले ने उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नया मोड़ ला दिया है, जहां अखिलेश यादव की छवि और सपा की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। आने वाले दिनों में यह विवाद और कितना तूल पकड़ता है, यह देखना बाकी है।