नई दिल्ली, 11 अप्रैल 2025: 26/11 मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को गुरुवार देर रात दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत ने 18 दिन की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया। रात करीब 2 बजे हुई सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया गया। एनआईए आज सुबह 10 बजे से राणा से पूछताछ शुरू करेगी, जिसमें 2008 के मुंबई हमले की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा से संबंध और अन्य आतंकी गतिविधियों पर गहन जांच होगी।
राणा को गुरुवार शाम अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद दिल्ली लाया गया था। विशेष विमान से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरते ही एनआईए ने उसे हिरासत में लिया। इसके बाद उसे भारी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। एनआईए ने राणा की 20 दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन अदालत ने 18 दिन की मंजूरी दी।
पूछताछ के प्रमुख बिंदु:
- मुंबई हमले की योजना और उसमें राणा की भूमिका।
- लश्कर-ए-तैयबा और इसके सरगना हाफिज सईद से संबंध।
- डेविड कोलमैन हेडली के साथ राणा की साझेदारी और संदिग्ध गतिविधियां।
- अन्य भारतीय शहरों में संभावित आतंकी योजनाओं की जानकारी।
राणा को एनआईए मुख्यालय में अत्यधिक सुरक्षित सेल में रखा गया है, जहां सीसीटीवी निगरानी और 24 घंटे सुरक्षा व्यवस्था है। 12 सदस्यीय जांच टीम, जिसका नेतृत्व डीआईजी जया रॉय कर रही हैं, राणा से पूछताछ करेगी। सूत्रों के अनुसार, राणा को देश के विभिन्न हिस्सों में ले जाकर जांच की जा सकती है, क्योंकि मुंबई हमले की तर्ज पर अन्य शहरों में भी आतंकी साजिश की आशंका है।
प्रत्यर्पण की प्रक्रिया:
राणा, जो पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, को अमेरिका से भारत लाने में एनआईए, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), और विदेश मंत्रालय की समन्वित कोशिशें कामयाब रहीं। राणा ने अमेरिकी अदालतों में प्रत्यर्पण रोकने के लिए कई याचिकाएं दायर की थीं, लेकिन सभी खारिज हो गईं। आखिरकार, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी याचिका ठुकरा दी, जिसके बाद उसे भारत भेजा गया।
मुंबई हमले का जिक्र:
26/11 के मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे। इस हमले में राणा पर हेडली को वीजा और अन्य सुविधाएं प्रदान कर साजिश में सहयोग करने का आरोप है। एनआईए का मानना है कि राणा से पूछताछ में कई अहम खुलासे हो सकते हैं, जो आतंकी नेटवर्क को तोड़ने में मदद करेंगे।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम:
राणा को कोर्ट और एनआईए मुख्यालय लाने-ले जाने के दौरान दिल्ली पुलिस की स्वाट टीम और अन्य सुरक्षा बलों ने कड़ा पहरा रखा। एनआईए ने यह भी सुनिश्चित किया है कि राणा की मेडिकल जांच नियमित रूप से हो, ताकि पूछताछ में कोई बाधा न आए।
यह घटनाक्रम भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। राणा से पूछताछ के नतीजे मुंबई हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं।