पाकिस्तानी जनता ने सेना के साथ देने से किया इंकार, इस्लामाबाद की लाल मस्जिद में चौंकाने वाला खुलासा

इस्लामाबाद, 07 मई 2025: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद की लाल मस्जिद में एक वायरल वीडियो ने वहां की सेना और सरकार के प्रति जनता की नाराजगी को उजागर किया है। यह वीडियो, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तेजी से वायरल हो रहा है, लाल मस्जिद में मौलाना अब्दुल अजीज गाजी के एक संबोधन का है।

वीडियो में मौलाना अपने अनुयायियों और छात्रों से पूछते हैं, “यदि पाकिस्तान भारत के खिलाफ युद्ध में उतरे, तो कितने लोग पाकिस्तान का साथ देंगे?” चौंकाने वाली बात यह है कि इस सवाल पर किसी ने भी हाथ नहीं उठाया, जो पाकिस्तानी जनता के सेना और सरकार के प्रति असंतोष को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

लाल मस्जिद का बयान: युद्ध धार्मिक नहीं, राष्ट्रवादी

लाल मस्जिद के इमाम ने अपने बयान में कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष धार्मिक आधार पर नहीं, बल्कि राष्ट्रवाद के लिए है। पाकिस्तान की वर्तमान व्यवस्था भारत से भी अधिक क्रूर और अत्याचारी है।” इस बयान ने पाकिस्तान में आंतरिक अस्थिरता और जनता के असंतोष को और अधिक रेखांकित किया है।

X पर कई पोस्ट्स में दावा किया गया है कि यह वीडियो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पहले की स्थिति को दर्शाता है, जिसमें पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जनता का गुस्सा साफ झलक रहा है।

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वीडियो का प्रभाव और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

यह वीडियो X पर व्यापक रूप से चर्चा का विषय बना हुआ है। कई यूजर्स ने इसे पाकिस्तान में गृहयुद्ध की शुरुआत और सेना के खिलाफ जनता के विद्रोह के संकेत के रूप में देखा है। कुछ पोस्ट्स में यह भी उल्लेख किया गया कि सिंध और बलूचिस्तान जैसे क्षेत्रों में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ पहले से ही असंतोष बढ़ रहा है, और यह वीडियो उसकी एक झलक है।

पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति पर सवाल

लाल मस्जिद का यह वीडियो पाकिस्तान की आंतरिक राजनीतिक और सामाजिक स्थिति पर गंभीर सवाल उठाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना पाकिस्तान में सेना और सरकार के प्रति बढ़ते अविश्वास और असंतोष को दर्शाती है। इस वीडियो ने न केवल पाकिस्तान के भीतर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि यह क्षेत्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकता है।

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