भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक नई चेतावनी जारी की है। उन्होंने देशवासियों को न केवल मौजूदा तनाव के प्रति सजग रहने, बल्कि एक अन्य संभावित खतरे के प्रति भी सतर्क रहने की सलाह दी है। अखिलेश ने अपने बयान में राष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीतिक रणनीति पर जोर देते हुए सरकार से सतर्कता और दूरदर्शिता के साथ कदम उठाने की अपील की है।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारतीय सेना ने इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इस बीच, अखिलेश यादव ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “पाकिस्तान के साथ मौजूदा तनाव गंभीर है, लेकिन हमें केवल एक दिशा में नहीं देखना चाहिए। हमें हर हाल में अन्य संभावित खतरों के लिए भी तैयार रहना होगा।”
चीन का बढ़ता प्रभाव: अखिलेश की चेतावनी
अखिलेश ने अपने बयान में अप्रत्यक्ष रूप से चीन की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि भारत जब भी पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कदम उठाता है, तो क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियां अपनी रणनीति को तेज कर सकती हैं। विशेष रूप से, उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का जिक्र करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में चीन का रणनीतिक हित गहरा है। “हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि PoK (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) के रास्ते CPEC गुजरता है। अगर भारत PoK पर कोई बड़ा कदम उठाता है, तो चीन की प्रतिक्रिया को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हमें हर मोर्चे पर तैयार रहना होगा,” अखिलेश ने चेताया।
सरकार से सतर्कता की अपील
अखिलेश ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह केवल सैन्य कार्रवाई पर ध्यान न दे, बल्कि कूटनीतिक और रणनीतिक स्तर पर भी मजबूत रुख अपनाए। उन्होंने कहा, “यह समय केवल शक्ति प्रदर्शन का नहीं, बल्कि सूझबूझ और दूरदर्शिता का है। हमें अपने पड़ोसियों के साथ-साथ वैश्विक शक्तियों की चाल को भी समझना होगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत को अपनी आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि बाहरी खतरों का मुकाबला प्रभावी ढंग से किया जा सके।
विपक्ष की भूमिका पर जोर
अखिलेश ने यह भी स्पष्ट किया कि विपक्ष के रूप में समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार के साथ है, लेकिन सरकार को सभी दलों को विश्वास में लेना चाहिए। “राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। हम चाहते हैं कि सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाए और सभी को साथ लेकर रणनीति बनाए। यह समय एकजुटता का है,” उन्होंने कहा।
पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन
पहलगाम हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई का समर्थन करते हुए अखिलेश ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख जरूरी है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसी कार्रवाइयों को दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा होना चाहिए।
“आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, और इसे जड़ से खत्म करने के लिए हमें न केवल सैन्य शक्ति, बल्कि सामाजिक और आर्थिक उपायों पर भी ध्यान देना होगा,” उन्होंने कहा।
जनता से एकजुटता की अपील
अखिलेश ने देशवासियों से एकजुट रहने और किसी भी तरह के दुष्प्रचार से बचने की अपील की। उन्होंने कहा, “यह समय अफवाहों और भ्रामक खबरों से सावधान रहने का है। हमें अपने सैनिकों और सरकार पर भरोसा रखना चाहिए, लेकिन साथ ही हमें अपनी जिम्मेदारी भी समझनी चाहिए।”
तनाव का माहौल
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई तेज कर दी। भारतीय सेना ने सीमा पार आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसके बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस तनाव पर नजर रखे हुए है।
अखिलेश यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत न केवल पाकिस्तान के साथ तनाव का सामना कर रहा है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भी जटिल कूटनीतिक चुनौतियों से जूझ रहा है। उनकी चेतावनी ने एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीति के प्रति गंभीर चर्चा को जन्म दिया है।