9 साल से अटकी UPSSSC टेक्निकल भर्ती: अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, पुलिस ने हिरासत में लिया

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा 2016 में शुरू की गई टेक्निकल भर्ती प्रक्रिया, जिसमें फार्मासिस्ट, हवलदार, और अन्य पद शामिल हैं, नौ साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी है। इस लंबी देरी के खिलाफ शुक्रवार, 16 मई 2025 को, विभिन्न जिलों और राज्यों से आए अभ्यर्थियों ने लखनऊ के पिकप भवन स्थित आयोग कार्यालय के बाहर मौन प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया को तुरंत पूरा करने और नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग की। हालांकि, प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने अभ्यर्थियों को हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेज दिया। इस घटना ने अभ्यर्थियों के बीच गहरी निराशा और आक्रोश को उजागर किया है, जो लंबे समय से अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं

अभ्यर्थियों का कहना है कि इस देरी ने उनकी उम्र सीमा को पार कर दिया है, और अब कई अन्य सरकारी नौकरियों के लिए अयोग्य हो चुके हैं। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने निम्नलिखित मांगें रखीं: फार्मासिस्ट, हवलदार, और अन्य पदों के लंबित परिणाम तुरंत घोषित किए जाएं। भर्ती प्रक्रिया को अंतिम रूप देकर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाए। तथा आयोग द्वारा बार-बार दिए जा रहे आश्वासनों और नई तारीखों के बजाय ठोस कार्रवाई की जाए।

प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश के आगरा, रायबरेली, वाराणसी, और अन्य जिलों के साथ-साथ दिल्ली और हरियाणा से आए अभ्यर्थी शामिल थे। प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण और मौन था, जिसमें अभ्यर्थियों ने केवल बैनर लेकर अपनी मांगें व्यक्त कीं। उन्होंने न तो कोई नारेबाजी की और न ही किसी के खिलाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणी की।
इसके बावजूद, सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने अभ्यर्थियों को हिरासत में ले लिया और उन्हें लखनऊ के ईको गार्डन भेज दिया। अभ्यर्थियों का कहना था कि वे आयोग के सचिव राजीव कुमार से मिलने आए थे, जिन्होंने पहले मुलाकात का समय दिया था। हालांकि, इस बार मुलाकात के बजाय उन्हें हिरासत में ले लिया गया। अभ्यर्थियों ने इसे अपनी आवाज दबाने की कोशिश करार दिया।

विशाल शर्मा (रायबरेली, दिव्यांग अभ्यर्थी):
विशाल ने बताया कि उन्होंने 2016 में फार्मासिस्ट पद के लिए आवेदन किया था। परीक्षा 2023 में हुई, और 5 अप्रैल 2024 को आगे की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन आयोग ने अभी तक कटऑफ और अंतिम परिणाम स्पष्ट नहीं किए। उन्होंने कहा, “एक साल बीत चुका है, लेकिन भर्ती पूरी नहीं हुई। हम थक चुके हैं। आयोग से बस यही कहना है कि अब परिणाम घोषित कर दीजिए।”
फहीम रजा (दिल्ली):
फहीम ने बताया कि वे 2016 से इस भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा हैं, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। उन्होंने कहा, “हम दिल्ली से आए हैं, लेकिन नौ साल बाद भी हमें सिर्फ इंतजार मिला है।”

राम जी:
52 वर्षीय राम जी ने अपनी उम्र को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि नियुक्ति से पहले ही रिटायरमेंट हो जाएगा। 2016 में फॉर्म भरा, 2023 में परीक्षा हुई, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। आयोग से निवेदन है कि अब नियुक्ति दे दी जाए ताकि कुछ साल नौकरी कर सकें।”

नितेश उपाध्याय:
नितेश ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई, लेकिन परीक्षा 23 मार्च 2023 को हुई। परिणाम टुकड़ों में जारी किया गया, और फार्मासिस्ट व हवलदार जैसे 133 पदों का परिणाम अभी भी लंबित है। उन्होंने कहा, “दीपावली, होली, रक्षाबंधन, और अब ईद भी बीत गई, लेकिन परिणाम नहीं आया। हम आयोग के चक्कर लगाकर थक चुके हैं।”

कुलदीप कुमार गुप्ता:
कुलदीप ने बताया कि लंबित भर्ती ने अभ्यर्थियों को मानसिक रूप से तोड़ दिया है। उन्होंने कहा, “हम डिप्रेशन में हैं। सरकार और आयोग के कानों में जूं नहीं रेंगती। नौ साल बाद भी नियुक्ति नहीं मिली। समस्याएं इतनी हैं कि उनकी सूची भी नहीं बना सकते।”

पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने पर अभ्यर्थियों ने गहरी नाराजगी जताई। उनका कहना था कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, और उनकी मांगें जायज थीं। अभ्यर्थियों ने कहा की हमे हिरासत में लेकर हमारी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर हार नहीं मानेंगे और जरूरत पड़ने पर आगे भी प्रदर्शन करेंगे।

UPSSSC ने अभी तक इस प्रदर्शन या देरी के कारणों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। आयोग की वेबसाइट पर भी कोई नई घोषणा या अपडेट नहीं है। दूसरी ओर, अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार और आयोग उनकी मांगों को अनदेखा कर रहे हैं। कुछ अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी निराशा व्यक्त की, जहां उन्होंने UPSSSC को “भारत की सबसे फेल्ड और घटिया संस्था” तक करार दिया।

UPSSSC की भर्ती प्रक्रियाओं में देरी कोई नई बात नहीं है। उदाहरण के लिए:

2013 की AGTA भर्ती
2013 में शुरू हुई कृषि तकनीकी सहायक (AGTA) भर्ती में भी डेटा ट्रांसफर की समस्या के कारण देरी हुई थी। अभ्यर्थियों ने इसके खिलाफ 2023 में प्रदर्शन किया था।

2018 की JE भर्ती
जूनियर इंजीनियर भर्ती को भी छह साल से अधिक समय हो चुका है, और परिणाम अभी तक जारी नहीं हुए।

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