- नगर निगम ने UPPCB को लिखा पत्र, सांसद नवीन जैन ने TTZ चेयरमैन से मांगी कार्रवाई
- पर्यावरणविद शरद गुप्ता ने CEC को भेजी शिकायत, सुप्रीम कोर्ट में उठेगा 1500 पौधों का मुद्दा
- UPMRC का दावा- 10 गुना पेड़ लगाएंगे, लेकिन बिना अनुमति कटाई पर सवाल
आगरा में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) द्वारा बिना अनुमति पेड़ काटने का मामला तूल पकड़ रहा है। एमजी रोड पर मेट्रो के दूसरे कॉरिडोर के पिलर निर्माण के लिए डिवाइडर पर लगे 1500 से अधिक पौधों को काटने का आरोप UPMRC पर लगा है। नगर निगम ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। राज्यसभा सांसद नवीन जैन ने ताज ट्रेपेजियम जोन (TTZ) चेयरमैन और मंडलायुक्त को पत्र भेजकर बिना अनुमति कटाई पर आपत्ति जताई है। पर्यावरणविद डॉ. शरद गुप्ता ने सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (CEC) को शिकायत भेजी है और सुप्रीम कोर्ट में मामला उठाने की तैयारी कर रहे हैं। UPMRC का दावा है कि वे कटाई की जगह 10 गुना पेड़ लगाएंगे, लेकिन बिना अनुमति कटाई ने पर्यावरण नियमों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना को उजागर किया है।
पेड़ कटाई का विवाद
UPMRC को आगरा मेट्रो के दोनों कॉरिडोर और डिपो के लिए 1823 पेड़ काटने की अनुमति मिली थी। आरोप है कि इसकी आड़ में एमजी रोड के 5 किमी लंबे डिवाइडर पर लगे 1500 से अधिक पौधों को बिना अनुमति काट दिया गया। ये पौधे नगर निगम ने 2019-20 में लगाए थे। मेट्रो के पिलर निर्माण के लिए डिवाइडर तोड़े गए और पौधे उखाड़ दिए गए।
नगर निगम और सांसद की कार्रवाई
नगर निगम ने 2019-20 में लगाए गए पौधों का रिकॉर्ड खंगालकर वन गणना शुरू की है और वन विभाग को कार्रवाई के लिए पत्र लिखने की तैयारी कर रहा है। राज्यसभा सांसद नवीन जैन ने TTZ चेयरमैन को पत्र में कहा, “1823 पेड़ों की अनुमति में डिवाइडर के पौधे शामिल नहीं थे। बिना अनुमति कटाई गलत है।”
पर्यावरणविद और सुप्रीम कोर्ट
पर्यावरणविद डॉ. शरद गुप्ता ने CEC को शिकायत भेजकर UPMRC की अवैध कटाई पर कार्रवाई की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने मई 2025 में TTZ में बिना अनुमति पेड़ काटने पर प्रति पेड़ 25,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया था और 5 किमी दायरे में किसी भी कटाई के लिए अपनी अनुमति अनिवार्य की थी। गुप्ता ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाया जाएगा, क्योंकि UPMRC ने कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया।
सुप्रीम कोर्ट के नियम और TTZ
सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2025 में 2019 के उस आदेश को वापस लिया था, जिसमें TTZ में बिना अनुमति पेड़ काटने की छूट थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि 50 से कम पेड़ों की कटाई के लिए भी उसकी अनुमति जरूरी है। TTZ, जो ताजमहल के आसपास 10,400 वर्ग किमी क्षेत्र को कवर करता है, पर्यावरण संरक्षण के लिए संवेदनशील जोन है। UPMRC की कटाई ने इन नियमों की अवहेलना की, जिससे पर्यावरणविदों और स्थानीय प्रशासन में रोष है।
UPMRC का पक्ष
UPMRC ने दावा किया कि वे अनुमति के तहत काम कर रहे हैं और कटाई के बदले 10 गुना पेड़ लगाएंगे। हालांकि, एमजी रोड के डिवाइडर पर पौधों की कटाई के लिए अलग से अनुमति नहीं दिखाई गई। डीसीपी सिटी सोनम कुमार की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में भी मेट्रो की पर्यावरणीय अनुपालना पर सवाल उठे थे। UPMRC की दलील को पर्यावरणविद कमजोर मान रहे हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं हुआ।