आगरा में टेरिटोरियल आर्मी भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश हुआ है। आर्मी इंटेलिजेंस की सूचना पर एसटीएफ ने तीन ठगों—सुनील कुमार (सांबा, जम्मू-कश्मीर), बलवंत सिंह (कठुआ, जम्मू-कश्मीर), और अजय यादव (फिरोजाबाद)—को गिरफ्तार किया है। इस गैंग ने जम्मू-कश्मीर के सांबा और कठुआ से 24 युवाओं को भर्ती का झांसा देकर आगरा बुलाया और उनसे लाखों रुपये ठग लिए। मामले में हरीपर्वत थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
आर्मी इंटेलिजेंस लखनऊ यूनिट को सूचना मिली थी कि आगरा में कुछ युवाओं को टेरिटोरियल आर्मी भर्ती के बहाने बुलाया गया है। एसटीएफ ने ISBT के पास एक होटल पर छापा मारकर कुछ युवाओं को पकड़ा, जिन्होंने बताया कि उनके अन्य साथी खेरिया एयरपोर्ट के पास एक होटल में ठहरे हैं। वहां से भी युवाओं को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में युवाओं ने खुलासा किया कि सुनील कुमार और बलवंत सिंह उन्हें आगरा लाए थे, जहां अजय यादव उनका मेडिकल कराने की बात कह रहा था।
फर्जी मेडिकल के लिए शिकोहाबाद से फिजियोथेरेपिस्ट
गैंग ने युवाओं को बताया था कि उनकी भर्ती आगरा यूनिट में होगी, जिसके लिए मेडिकल के बाद जॉइनिंग लेटर मिलेगा। मेडिकल के लिए शिकोहाबाद से एक फिजियोथेरेपिस्ट को बुलाया गया था, जो फर्जी डॉक्टर की भूमिका निभाने वाला था।
ठगी का मास्टरमाइंड दीपक कुमार शर्मा
जांच में पता चला कि गैंग का सरगना पठानकोट का दीपक कुमार शर्मा है। उसने फर्जी नोटिफिकेशन जारी कर युवाओं को जनरल ड्यूटी में भर्ती का झांसा दिया। प्रत्येक युवा से 3 से 8 लाख रुपये लिए गए, जो दीपक के खाते में जमा कराए गए। गैंग फर्जी नोटिफिकेशन के जरिए आवेदन करने वाले युवाओं को अपने जाल में फंसाता था।
पुलिस की कार्रवाई
एसटीएफ ने ठगों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है और दीपक कुमार शर्मा सहित अन्य संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी है। यह कार्रवाई युवाओं को ठगी से बचाने और फर्जी भर्ती रैकेट को ध्वस्त करने की दिशा में बड़ा कदम है।