यूपी में गर्मी का कहर: आगरा-झांसी में पारा 45.9 डिग्री, 19 जिलों में आज लू की चेतावनी

उत्तर प्रदेश भीषण गर्मी और लू की चपेट में है। सुबह से चिलचिलाती धूप और उमस लोगों को परेशान कर रही है। सोमवार को आगरा और झांसी देश के दूसरे सबसे गर्म शहर रहे, जहां तापमान 45.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। देश में सबसे गर्म राजस्थान का श्रीगंगानगर रहा, जहां पारा 47.3 डिग्री तक पहुंचा। यूपी के 22 जिलों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर रहा।

मौसम विभाग ने मंगलवार के लिए प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, कानपुर, झांसी सहित 19 जिलों में लू की चेतावनी जारी की है। इन इलाकों में दिन के साथ-साथ रात का तापमान भी सामान्य से अधिक रहेगा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 11 जून के बाद बंगाल की खाड़ी से नमी का असर पूर्वांचल में दिखेगा, जिससे हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। हालांकि, मंगलवार और बुधवार को गर्मी और सताएगी, और पारा 46 डिग्री से ऊपर जा सकता है।

बिजली की मांग में रिकॉर्ड उछाल

गर्मी बढ़ने के साथ बिजली की खपत भी आसमान छू रही है। 8 जून की रात को बिजली की मांग इस सीजन की सबसे अधिक 30,161 मेगावाट तक पहुंच गई। अनुमान है कि इस साल यह मांग 32,000 मेगावाट तक जा सकती है। पिछले साल मई में अधिकतम मांग 30,618 मेगावाट थी।

स्कूलों की छुट्टी बढ़ाने की मांग

भीषण गर्मी को देखते हुए अभिभावक और शिक्षक 30 जून तक स्कूलों की छुट्टियां बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि 16 जून से स्कूल खोलना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है।

पूर्वांचल में 12 घंटे से अधिक लू का प्रकोप

सोमवार को वाराणसी, प्रयागराज, सुल्तानपुर सहित पूर्वांचल के कई इलाके 12 घंटे से ज्यादा लू की चपेट में रहे। सुबह से तेज धूप और 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही गर्म हवाओं ने लोगों को परेशान किया। रात में हल्की नमी के कारण उमस और बढ़ गई।

बारिश का फसल पर असर

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश धान और मोटे अनाजों की फसलों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह नर्सरी और बुवाई के लिए उपयुक्त नमी प्रदान करती है। हालांकि, आम की फसलों को नुकसान हो सकता है, क्योंकि बारिश से मिठास कम होने और कीड़े लगने का खतरा बढ़ जाता है। हरी सब्जियां जैसे लौकी, करेला, भिंडी और तोरई भी धूप और जलभराव से खराब हो सकती हैं।

बाढ़ का खतरा

प्रदेश में हर साल करीब 27 लाख हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित होती है, जो कुल क्षेत्रफल का 11% है। गंगा, यमुना, घाघरा, राप्ती जैसी नदियां बाढ़ का कारण बनती हैं। खासकर नेपाल सीमा से सटे पूर्वांचल के जिले सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, जहां हर साल 430 करोड़ रुपये से अधिक की फसलों और संपत्ति का नुकसान होता है।

मानसून की संभावना

मौसम विभाग के अनुसार, यूपी में मानसून 15 से 20 जून के बीच दस्तक दे सकता है, जो सामान्य से पहले है। पिछले 16 साल में ऐसा पहली बार होगा। हालांकि, पिछले साल मानसून 10 दिन की देरी से आया था। केरल में इस बार मानसून 30 मई को पहुंच गया था।

यह गर्मी और मौसम की स्थिति यूपी के लिए चुनौतीपूर्ण बनी हुई है, और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।

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