उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में शुरू की गई योजनाओं का प्रभाव अब जमीन पर साफ दिखाई दे रहा है। डिजिटल इंडिया के तहत राज्य की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और तकनीकी रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं। स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालयों तक ढांचे में सुधार, डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता और छात्र-छात्राओं को सीधे लाभ देने वाली योजनाओं का असर राज्य के करोड़ों बच्चों तक पहुंच चुका है।
सरकार द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन कायाकल्प के तहत राज्य के अधिकांश सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं जैसे स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी, स्वच्छ पेयजल, शौचालय और खेल के मैदान उपलब्ध कराए गए हैं। इससे 1.91 करोड़ छात्र-छात्राओं को फायदा हुआ है। बच्चों के लिए दो यूनिफॉर्म, जूते, स्वेटर और स्कूल बैग की धनराशि सीधे अभिभावकों के खातों में भेजी जा रही है।
मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय योजना के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एक मॉडल स्कूल स्थापित किया जा रहा है, जो प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक की पढ़ाई एक ही परिसर में देगा। इन स्कूलों में साइंस और कंप्यूटर लैब, स्टेडियम और मल्टीपर्पज हॉल जैसी सुविधाएं होंगी।
सरकार द्वारा शुरू किया गया प्रोजेक्ट अलंकार उत्तर प्रदेश के 2,441 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में 35 प्रमुख मानकों को पूरा करने का लक्ष्य लेकर आया है। इसके तहत नई कक्षाएं, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, स्वच्छ पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
पीएम श्री योजना के अंतर्गत भी प्रदेश में 1,500 से अधिक विद्यालयों को आधुनिक स्वरूप दिया जा रहा है। इसके अलावा लगभग 6,500 स्कूलों का पुनर्निर्माण हो रहा है और 57 नए कंपोजिट विद्यालयों को स्वीकृति दी गई है।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की सीमा अब कक्षा 8 से बढ़ाकर कक्षा 12 तक कर दी गई है, जिससे गरीब और ग्रामीण बालिकाओं को लगातार शिक्षा मिल सके। वनटांगिया समुदाय के बच्चों के लिए प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल खोले गए हैं, और अटल आवासीय विद्यालयों की मदद से बच्चों को एकीकृत शिक्षा के अवसर दिए जा रहे हैं।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सहारनपुर, अलीगढ़, मीरजापुर, आजमगढ़, देवीपाटन और मुरादाबाद जैसे क्षेत्रों में नए विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं, जिनमें से कई चालू हो चुके हैं। 150 आईटीआई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन टेक्नोलॉजी और रोबोटिक्स जैसे आधुनिक पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।
संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं शुरू की गई हैं, और आचार्य स्तर तक छात्रों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। कई संस्थानों को मान्यता भी दी गई है।
डिजिटल इंडिया मिशन के अंतर्गत, योगी सरकार ने 2 करोड़ युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट देने का लक्ष्य रखा है। इनमें से अब तक 50 लाख से अधिक युवाओं को ये उपकरण वितरित किए जा चुके हैं।
बेटियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के उद्देश्य से सरकार जल्द ही रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना शुरू करने जा रही है। 2025-26 के बजट में इस योजना के लिए 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत मेधावी छात्राओं को मुफ्त स्कूटी दी जाएगी ताकि वह आसानी से कॉलेज और विश्वविद्यालय तक पहुंच सकें, खासकर ग्रामीण और दूरदराज़ के इलाकों में रहने वाली लड़कियों के लिए यह योजना शिक्षा की राह आसान बनाएगी।