अहमदाबाद विमान हादसा: डॉ. प्रतीक जोशी और उनके परिवार की दुखद कहानी

अहमदाबाद, 13 जून 2025: गुरुवार, 12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद मेघानी नगर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस भयावह हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से 241 की मृत्यु हो गई, जिसमें डॉ. प्रतीक जोशी, उनकी पत्नी डॉ. कोमी व्यास, और उनके तीन बच्चे—मिराया, नकुल, और प्रद्युत—शामिल थे। यह भारत के सबसे घातक विमान हादसों में से एक है।

डॉ. प्रतीक जोशी और उनके परिवार का परिचय
एक्स पर उपलब्ध जानकारी और संजेवनी न्यूज़ की एक पोस्ट के अनुसार, डॉ. प्रतीक जोशी एक चिकित्सक थे, जो हाल ही में अपने परिवार के साथ लंदन में स्थायी रूप से बसने की योजना बना रहे थे। उनके साथ उनकी पत्नी डॉ. कोमी व्यास, जो एक चिकित्सक थीं, और उनके तीन बच्चे—बेटी मिराया (लगभग 8 वर्ष), और जुड़वां बेटे नकुल और प्रद्युत (लगभग 5 वर्ष)—विमान में सवार थे। यह परिवार उदयपुर से मुंबई होते हुए लंदन जा रहा था, जहां डॉ. जोशी ने पहले डर्बी, यूके में एक स्थानीय अस्पताल में काम किया था। वे अपने बच्चों के साथ एक नई शुरुआत के लिए उत्साहित थे।

आखिरी सेल्फी: एक हृदयविदारक स्मृति
संजेवनी न्यूज़ की एक वायरल पोस्ट के अनुसार, डॉ. प्रतीक जोशी ने उड़ान से पहले अपने परिवार के साथ एक सेल्फी ली थी, जो उनकी अंतिम तस्वीर बन गई। यह सेल्फी सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा की जा रही है, जो इस त्रासदी की मार्मिकता को दर्शाती है। यह तस्वीर उनके परिवार की खुशी और उम्मीदों का प्रतीक बन गई है, जो अब दुखद रूप से अधूरी रह गई।

हादसे का विवरण
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरी, लेकिन कुछ ही सेकंड में यह मेघानी नगर के पास एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान में 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे। प्रारंभिक जांच के अनुसार, विमान टेकऑफ के दौरान केवल 425 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सका और फिर स्टॉल हो गया, जिसके बाद यह आग का गोला बनकर एक आवासीय क्षेत्र में गिर गया। इस हादसे में जमीन पर मौजूद लोगों सहित कुल 265 लोगों की मृत्यु हुई।

पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल ने हादसे से पहले एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को अंतिम मेडे कॉल में सूचित किया, “मेडे… कोई थ्रस्ट नहीं, पावर खो रहा है, ऊंचाई नहीं ले पा रहे।” इसके तुरंत बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति
इस हादसे में केवल एक यात्री, विशवास कुमार रमेश, जो एक ब्रिटिश-भारतीय नागरिक हैं, चमत्कारिक रूप से बच गए। उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है, और वे वर्तमान में अहमदाबाद के एक अस्पताल में उपचाराधीन हैं। उनकी गवाही भविष्य में जांच में महत्वपूर्ण हो सकती है।

जांच और प्रतिक्रियाएं
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक अटकलें इंजन की विफलता या तकनीकी खराबी की ओर इशारा कर रही हैं। एयर इंडिया ने शोक व्यक्त करते हुए पीड़ितों के परिवारों के लिए सहायता और मुआवजे की घोषणा की है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें मेघानी नगर में राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं।

डॉ. जोशी के परिवार का प्रभाव
डॉ. प्रतीक जोशी और उनके परिवार की मृत्यु ने उनके रिश्तेदारों, दोस्तों, और समुदाय में गहरा शोक पैदा किया है। सोशल मीडिया पर लोग उनके लिए संवेदना व्यक्त कर रहे हैं, और उनकी आखिरी सेल्फी ने इस हादसे की मानवीय त्रासदी को और गहरा कर दिया है। यह हादसा न केवल एक परिवार की हानि है, बल्कि उन सभी सपनों और आकांक्षाओं का अंत है, जो डॉ. जोशी और उनका परिवार लंदन में एक नया जीवन शुरू करने के लिए लेकर जा रहे थे।

आगे की जानकारी
जांच के परिणाम और हादसे के कारणों का खुलासा होने पर अधिक जानकारी सामने आएगी। तब तक, यह त्रासदी देश और दुनिया भर में विमानन सुरक्षा पर सवाल उठा रही है। हम डॉ. प्रतीक जोशी, उनके परिवार, और सभी पीड़ितों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।

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