गुजरात के अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान हादसे ने न केवल सैकड़ों जिंदगियां छीन लीं, बल्कि यह भारत के एविएशन इतिहास का सबसे महंगा हादसा बन सकता है। इस त्रासदी में बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर पूरी तरह नष्ट हो गया और 242 में से 241 यात्रियों की मौत हो गई। इसके अलावा, विमान के रिहायशी इलाके में गिरने से कई अन्य लोगों की भी जान गई। इस हादसे के बाद बीमा कंपनियों पर अभूतपूर्व मुआवजे का दबाव है। आइए जानते हैं कि बीमा कंपनियों को कितना भुगतान करना पड़ सकता है और इसके नियम क्या हैं।
बीमा क्लेम की अनुमानित राशि
एविएशन विशेषज्ञों के अनुसार, इस हादसे से जुड़ा बीमा क्लेम 21 करोड़ से 28 करोड़ डॉलर यानी लगभग 2400 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। यह राशि विमान की क्षति, यात्रियों के मुआवजे और तीसरे पक्ष को हुए नुकसान को कवर करेगी। एअर इंडिया ने अपने विमान का बीमा न्यू इंडिया एश्योरेंस और टाटा एआईजी जैसी कंपनियों से कराया था, जो इस क्लेम को वहन करेंगी।
विमान बीमा में क्या शामिल होता है
विमान बीमा में आमतौर पर विमान की भौतिक क्षति, स्पेयर पार्ट्स और कानूनी जिम्मेदारियां शामिल होती हैं। इस मामले में एअर इंडिया का बीमा विमान की क्षति और यात्रियों की मृत्यु दोनों को कवर करता है। हादसे में शामिल 2013 मॉडल का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था, जिसकी मौजूदा बीमा मूल्य 211 से 280 मिलियन डॉलर के बीच अनुमानित है। यह मूल्य विमान की उम्र और कॉन्फिगरेशन पर निर्भर करता है।
मुआवजा कैसे तय होता है
यात्रियों के परिजनों को मुआवजा मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999 के तहत तय होगा, जिसमें भारत 2009 से शामिल है। इसके अनुसार, प्रत्येक मृतक के परिजनों को 128,821 स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (एसडीआर) तक मुआवजा मिल सकता है। वर्तमान दरों के हिसाब से यह राशि लगभग 1.54 करोड़ रुपये प्रति व्यक्ति हो सकती है। इसके अलावा, टाटा ग्रुप ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता की घोषणा की है।