मंदिरों का विकास कार्य
आगरा, जो मुगलकालीन स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है, अब अपने धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार के लिए चर्चा में है. सरकार ने 144 करोड़ रुपये की लागत से 17 मंदिरों को नया रूप देने की योजना शुरू की है. बटेश्वर नाथ, कैलाश, बल्केश्वर और फूलेश्वर महादेव जैसे मंदिरों का कायाकल्प हो रहा है. यमुना किनारे बने मंदिरों पर नए घाट, डेक, बहुद्देशीय हॉल, शौचालय, सड़कें और आकर्षक विद्युत सज्जा की व्यवस्था की जा रही है. कुछ कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जबकि अन्य की प्रगति 30 से 60 प्रतिशत तक है. जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि आगरा में धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, और ये कार्य क्षेत्र को नई पहचान देंगे.
विशेष परियोजनाएं
बटेश्वर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में 22.76 करोड़ रुपये से मेमोरियल बनाया जा रहा है. बटेश्वर नाथ मंदिर में 24.08 करोड़ रुपये से कॉरिडोर, गेट और मंडप का निर्माण हो रहा है. कैलाश मंदिर में 15.26 करोड़ रुपये से घाट, सोलर लाइट और मरम्मत कार्य किए जा रहे हैं. शौरीपुर जैन तीर्थ स्थल पर 2.74 करोड़ रुपये से शौचालय और प्रकाश व्यवस्था का काम चल रहा है. फूलेश्वर महादेव मंदिर में 1.18 करोड़ रुपये से यात्री हॉल और गेट बनाए जा रहे हैं. होलीपुरा गांव में 12.48 लाख रुपये से साइनेज लगाए जा रहे हैं, जिससे इसे पर्यटन मानचित्र पर पहचान मिलेगी.
पर्यटन कार्यालय का नवीकरण
मॉल रोड पर स्थित पर्यटन कार्यालय का भी जीर्णोद्धार होगा. इसके लिए 2.49 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. यह कार्यालय रक्षा संपदा की भूमि पर है, इसलिए छावनी परिषद से स्वीकृति लेनी होगी. इस नवीकरण से पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं और जानकारी मिलेगी.
उपेक्षित मंदिरों की स्थिति
कुछ मंदिर, जैसे रावली महादेव, भूरा महादेव, मोटा महादेव, रेणुकाधाम और चिंताहरण महादेव, इस योजना से बाहर रह गए हैं. इनके जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव ही नहीं भेजे गए. स्थानीय लोगों का कहना है कि इन मंदिरों की उपेक्षा से श्रद्धालुओं में निराशा है. प्रशासन को इन धार्मिक स्थलों पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि आगरा का धार्मिक पर्यटन और समृद्ध हो. यह योजना न केवल धार्मिक महत्व के स्थानों को संवारेगी बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी बढ़ावा देगी.