निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप
आगरा के वायु विहार रोड के निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत सामने आई है. क्षेत्रीय लोगों ने इस मामले को प्रभारी व पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के सामने उठाया. सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने तकनीकी जांच के आदेश दिए हैं. पथौली तिराहा से बाबूजी चौराहे तक बनी यह सड़क पांच करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई थी. लेकिन निर्माण के मात्र एक महीने बाद ही सड़क धंसने की घटना ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
सड़क धंसने की घटना
सड़क संघर्ष समिति के सचिव विजय पाल सिंह ने बताया कि 10 मई को उदय पैलेस के सामने सड़क में बड़ा गड्ढा हो गया. एक महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी इस गड्ढे को नहीं भरा गया है. आगरा विकास प्राधिकरण ने इस 2.5 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण के लिए मेसर्स भगवती बिल्डर्स को पांच करोड़ रुपये का ठेका दिया था. सड़क के साथ फुटपाथ, डिवाइडर और सौंदर्यीकरण का कार्य भी होना था. लेकिन सड़क की बदहाल स्थिति ने निर्माण में लापरवाही और अनियमितता की ओर इशारा किया है.
लंबे समय से थी मांग
वायु विहार रोड पिछले दस वर्षों से जर्जर हालत में थी. क्षेत्रीय लोगों ने सड़क को ठीक कराने के लिए कई बार विरोध प्रदर्शन किए और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे. तत्कालीन मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने आगरा विकास प्राधिकरण को सड़क के पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण के निर्देश दिए थे. इसके बाद सड़क निर्माण का कार्य शुरू हुआ, लेकिन अब इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं. लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बावजूद सड़क की हालत दयनीय है.
मंत्री ने दिए जांच के आदेश
प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सड़क की तकनीकी जांच कराने, ठेकेदार फर्म के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और आगरा विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों से स्पष्टीकरण मांगने के आदेश दिए हैं. इस मामले में स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी और भविष्य में इस तरह की लापरवाही नहीं होगी.
क्षेत्रीय लोगों की उम्मीदें
वायु विहार रोड क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है और इसके निर्माण से लोगों को बेहतर यातायात सुविधा की उम्मीद थी. लेकिन सड़क के धंसने से उनकी उम्मीदों को झटका लगा है. अब लोगों की नजर जांच के परिणामों पर टिकी है. वे चाहते हैं कि दोषी ठेकेदार और अधिकारियों पर कार्रवाई हो ताकि भविष्य में गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित किया जा सके.