ऑपरेशन मुस्कान की सफलता
फिरोजाबाद पुलिस ने अपनी तत्परता और सक्रियता से पांच लापता बच्चों को 24 घंटे के भीतर बरामद कर उनके परिजनों को सौंप दिया. थाना लाइनपार क्षेत्र के नगला विष्णु से गायब हुए इन बच्चों को आगरा के फोर्ट स्टेशन से सकुशल बरामद किया गया. इस कार्यवाही ने पुलिस की कार्यकुशलता को दर्शाया और परिजनों के चेहरों पर खुशी लौटा दी. बच्चों ने बताया कि वे अनजाने में घर से दूर चले गए थे और आगरा पहुंच गए थे.
लापता बच्चों की जानकारी
लापता बच्चों में 13 वर्षीय सौरभ और 10 वर्षीय गौरव, जो अजय के पुत्र हैं, 13 वर्षीय यश, जो रामसुरेश का पुत्र है, 12 वर्षीय सूर्यांश, जो नरेश का पुत्र है, और 8 वर्षीय राजाबाबू, जो कमलेश का पुत्र है, शामिल हैं. इन बच्चों के गायब होने की सूचना मिलते ही परिजनों में चिंता फैल गई थी. स्थानीय लोगों और परिवार वालों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की.
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौरभ दीक्षित के निर्देशन में फिरोजाबाद पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत बच्चों की तलाश शुरू की. थाना लाइनपार के प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार पांडेय के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने सोशल मीडिया और अन्य संसाधनों का उपयोग कर बच्चों का पता लगाया. रात के समय कड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने आगरा फोर्ट स्टेशन पर बच्चों को सकुशल बरामद किया. पुलिस की इस त्वरित और प्रभावी कार्रवाई ने बच्चों को सुरक्षित उनके परिवार तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
परिजनों ने जताया आभार
बच्चों को सकुशल घर लौटते देख परिजनों ने राहत की सांस ली. उन्होंने फिरोजाबाद पुलिस की तारीफ करते हुए उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना की. परिजनों ने बताया कि बच्चों के गायब होने से वे बेहद परेशान थे, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने उनकी चिंता को दूर किया. एसएसपी सौरभ दीक्षित ने कहा कि बच्चों को खोजकर उनके परिवार को सौंपना पुलिस की प्राथमिकता थी. उन्होंने अपनी टीम की मेहनत को सराहा और भविष्य में भी ऐसी तत्परता बनाए रखने की बात कही.
सामाजिक जागरूकता की जरूरत
इस घटना ने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा और निगरानी के महत्व को उजागर किया है. अनजाने में घर से दूर चले जाना बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है. पुलिस ने परिजनों से अपील की है कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें और उनकी गतिविधियों के प्रति सजग रहें. इस घटना से यह भी स्पष्ट हुआ कि पुलिस और समुदाय के सहयोग से ऐसी परिस्थितियों में त्वरित कार्रवाई संभव है.