फिरोजाबाद में हत्यारों को उम्रकैद की सजादो आरोपियों पर 53 हजार का जुर्माना. ऑपरेशन कन्विक्शन में मिली सफलता

फिरोजाबाद में वर्ष 2020 के एक सनसनीखेज हत्याकांड में न्यायालय ने दो आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. थाना नसीरपुर क्षेत्र के अब्बासपुर गांव में हुई इस घटना में दोषियों पवन और संजू पर 53-53 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. पुलिस के ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत मजबूत साक्ष्य जुटाए गए, जिसके आधार पर यह सजा सुनाई गई. यह फैसला अपराधियों में खौफ पैदा करने और न्याय प्रक्रिया को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

घटना 25 अप्रैल 2020 की है, जब अब्बासपुर गांव निवासी सुरेश चंद शर्मा का बेटा कुलभूषण शर्मा उर्फ राहुल शर्मा गांव के पवन, संजू और ट्रैक्टर ड्राइवर सोनिंदर उर्फ सोनी के साथ भूसा लेकर घर लौट रहा था. रास्ते में किसी ने कुलभूषण की पीठ में गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. सुरेश चंद ने पवन और संजू के खिलाफ थाना नसीरपुर में हत्या, साजिश और साक्ष्य मिटाने का मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने जांच के बाद दोनों के खिलाफ धारा 302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक साजिश) और 201 (साक्ष्य नष्ट करना) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया.

पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर चल रहे ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक फिरोजाबाद की निगरानी में मॉनिटरिंग सेल ने इस मामले में ठोस सबूत जुटाए. अभियोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह, मॉनिटरिंग सेल और कोर्ट पैरोकार कांस्टेबल मनमोहन सिंह की मेहनत से अभियोजन पक्ष ने मजबूत पैरवी की. एडीजे-01 की अदालत ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर पवन और संजू को दोषी करार दिया और उम्रकैद की सजा सुनाई. जुर्माने की राशि अदा न करने पर अतिरिक्त सजा का प्रावधान भी किया गया है.

इस फैसले ने पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाया और पुलिस की कार्यप्रणाली की सराहना हुई. स्थानीय लोगों ने इस सजा को अपराध के खिलाफ सख्त रुख के रूप में देखा. पुलिस का कहना है कि ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत ऐसे मामलों में लगातार कार्रवाई की जा रही है, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले. यह मामला समाज में यह संदेश देता है कि अपराध करने वालों को कानून बख्शने वाला नहीं है, चाहे वह कितना भी संगठित क्यों न हो.

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