एसपी कार्यालय में समर्थकों के साथ सौंपा शिकायती पत्र
मैनपुरी के किशनी थाना क्षेत्र के हरचंदपुर गांव के पूर्व प्रधान सुखदेव सिंह तोमर ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अपनी और परिवार की जान को खतरे की बात कही. उन्होंने सैकड़ों समर्थकों और करणी सेना के जिला अध्यक्ष के साथ मिलकर पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र सौंपा. सुखदेव ने पृथ्वीपुर निवासी उमाकांत यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनके अनुसार उमाकांत ने उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने और व्हाट्सएप पर जान से मारने की धमकियां दी हैं. यह मामला स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है और प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग उठ रही है.
झूठे मुकदमों और धमकियों का आरोप
सुखदेव सिंह तोमर ने बताया कि उमाकांत यादव ने एक मामूली विवाद के आधार पर उनके खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा 307 के तहत झूठा मुकदमा दर्ज कराया. इसके अलावा उमाकांत लगातार सोशल मीडिया खासकर फेसबुक पर उनके खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट कर उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है. सुखदेव ने आरोप लगाया कि उमाकांत ने पहले भी उनके खिलाफ जमीन हड़पने का झूठा केस दर्ज कराया था जिसमें वे निर्दोष साबित हुए. अब उमाकांत व्हाट्सएप के जरिए उन्हें और उनके परिवार को हाथ काटने और जान से मारने की धमकियां दे रहा है. सुखदेव ने इन धमकियों को गंभीर बताते हुए अपने और परिवार की सुरक्षा की मांग की है.
सुखदेव का सामाजिक योगदान और समर्थन
सुखदेव सिंह तोमर हरचंदपुर गांव के तीन बार प्रधान रह चुके हैं और वर्तमान में किशनी विकास खंड की क्षेत्रीय सहकारी समिति के अध्यक्ष हैं. उन्होंने गांव के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिसके कारण उन्हें स्थानीय लोगों का व्यापक समर्थन प्राप्त है. शिकायती पत्र सौंपने के दौरान उनके साथ जिला पंचायत सदस्य जीतू सिसौदिया, प्रधान विनय चौहान, शुभम जाटव, शंकर सिंह, अमित सिंह, कमल सिंह, दीपेंद्र सिंह, आलोक अग्निहोत्री और कुसमरा मंडल अध्यक्ष विनोद चतुर्वेदी सहित कई अन्य लोग मौजूद थे. यह समर्थन सुखदेव की सामाजिक प्रतिष्ठा को दर्शाता है और उनके आरोपों को गंभीरता प्रदान करता है.
प्रशासन से कार्रवाई की मांग
सुखदेव ने पुलिस अधीक्षक से उमाकांत के खिलाफ सख्त कार्रवाई और उनके खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमों की निष्पक्ष जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि लगातार धमकियां और झूठे केस उनकी मानसिक शांति और सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इस मामले ने स्थानीय प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है क्योंकि सोशल मीडिया पर धमकियों और झूठे मुकदमों का दुरुपयोग गंभीर चिंता का विषय है. पुलिस अधीक्षक ने पीड़ित को न्याय का भरोसा दिलाया है और मामले की जांच शुरू करने के संकेत दिए हैं. यह घटना न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की साजिशों पर भी सवाल उठाती है. स्थानीय लोग इस मामले में जल्द कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं.