हवाई जहाज से पहुंचते थे रेलवे के तत्काल टिकट! लखनऊ में हाई-टेक दलाल गैंग का पर्दाफाश

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रेलवे पुलिस बल (RPF) ने एक ऐसे शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो तत्काल रेलवे टिकटों की हवाई जहाज से कालाबाजारी कर रहा था। यह अनोखा और हाई-टेक तरीका सुनकर खुद पुलिस भी हैरान रह गई। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और पूरे नेटवर्क की जांच जारी है।

कैसे हुआ खुलासा?

RPF की क्राइम ब्रांच टीम ने उपनिरीक्षक प्रशांत सिंह यादव के नेतृत्व में चारबाग स्टेशन के पास कार्रवाई की। यहां पार्सल ऑफिस के पास दो संदिग्धों को पकड़ा गया, जिनके पास से एक असली टिकट और 19 टिकटों की फोटो कॉपी बरामद हुईं। ये टिकट देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से बुक कराए गए थे और फ्लाइट के ज़रिए लखनऊ भेजे जा रहे थे, ताकि उन्हें तत्काल ज़रूरतमंद यात्रियों को ऊंची कीमत पर बेचा जा सके।

1.34 लाख रुपये के टिकट, 20 फर्जी नाम

जांच में सामने आया कि ये गिरोह 20 अलग-अलग नामों पर करीब 1.34 लाख रुपये के तत्काल टिकट बुक करा चुका था। ये टिकट आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के छोटे रेलवे आरक्षण केंद्रों से खरीदे जाते थे, ताकि बड़े शहरों में बुकिंग की मारामारी से बचा जा सके। बुक किए गए टिकटों को फ्लाइट के ज़रिए लखनऊ भेजा जाता था, जहाँ से उन्हें जरूरतमंद यात्रियों को मोटी रकम में बेचा जाता था।

कौन-कौन है शामिल?

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मोहम्मद कैफ और गौरव उर्फ प्रिंस के रूप में हुई है, जो लखनऊ के संजय नगर इलाके के रहने वाले हैं। इनके पास से दो मोबाइल फोन, एक स्कूटी और एक मोटरसाइकिल भी बरामद की गई है।

पुलिस को शक है कि इस गोरखधंधे में और भी लोग शामिल हैं।
संदेह है कि मुंबई के ट्रैवल एजेंट मनीष कामदार, मयूर गणेश, दक्षिण भारत के कुछ टिकट एजेंट, और लखनऊ एयरपोर्ट (CCS) कार्गो सेवा से जुड़े कुछ कर्मचारी भी इस गिरोह का हिस्सा हैं। सभी की तलाश जारी है। एयरपोर्ट कर्मचारी भी शक के घेरे में

जांच में पता चला है कि टिकटों को लखनऊ एयरपोर्ट तक पहुंचाने में कार्गो सेवा से जुड़े कुछ कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। आशंका है कि इनकी मदद से टिकटों को प्लेन के ज़रिए बिना रुकावट के शहर तक पहुंचाया जाता था।

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