एटा में पूर्व प्रधान के बेटे की गुंडागर्दी। परिवार पर हमला और महिला से अभद्रता

एटा के अवागढ़ थाना क्षेत्र के मोहल्ला तिवारीयान में पूर्व प्रधान के बेटे अजय कुमार ने अपने 8-10 साथियों के साथ एक परिवार पर हमला कर दिया। पुरानी रंजिश के चलते हुए इस हमले में अखिलेश कुमार पाठक, उनके भाई राकेश, बेटे अमित और पत्नी सुमन लता को गंभीर चोटें आईं। हमलावरों ने लाठी-डंडों से मारपीट की, जिससे अखिलेश, राकेश और अमित के सिर फट गए। पीड़ितों का आरोप है कि हमले के दौरान सुमन लता के साथ अभद्रता की गई और उनके गले से पेंडल भी छीन लिया गया। पीड़ित परिवार ने शिकायत लेकर अवागढ़ थाने का रुख किया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे नाराज होकर पीड़ितों ने भारतीय किसान यूनियन (किसान) के नेताओं के साथ मिलकर थाने के बाहर धरना शुरू कर दिया।

घटना बुधवार की है, जब अखिलेश का परिवार अपने घर के बाहर बैठा था। तभी पूर्व प्रधान पुरुषोत्तम ठाकुर उर्फ काले का बेटा अजय अपने साथियों के साथ पहुंचा और अचानक हमला बोल दिया। हमलावरों ने परिवार के सदस्यों पर लाठी-डंडों से प्रहार किया और सुमन लता के साथ बदतमीजी की। पीड़ितों का कहना है कि हमले में लूटपाट भी हुई, क्योंकि सुमन लता का पेंडल छीन लिया गया। परिवार ने इस घटना को मारपीट के साथ-साथ लूट का मामला मानते हुए पुलिस से इसकी शिकायत की। लेकिन थाने में उनकी तहरीर पर कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद उन्होंने धरने का रास्ता अपनाया।

भारतीय किसान यूनियन (किसान) के कार्यकर्ता पीड़ित परिवार के समर्थन में थाने पहुंचे और पुलिस पर मुकदमा दर्ज करने का दबाव बनाया। पीड़ित पक्ष ने मांग की कि मामले में मारपीट के साथ लूट की धाराओं में भी कार्रवाई हो। अवागढ़ थाना अध्यक्ष ने बताया कि मारपीट की घटना की सूचना मिली थी और मौके पर जाकर जांच की गई। उन्होंने पुष्टि की कि यह पुरानी रंजिश से जुड़ा मामला है और मारपीट की घटना को दर्ज करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ितों द्वारा गलत रिपोर्ट लिखवाने का दबाव बनाया जा रहा है, जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।

इस घटना ने क्षेत्र में पुलिस की निष्क्रियता और दबंगों के बढ़ते हौसले पर सवाल उठाए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति को उजागर करती हैं। पीड़ित परिवार और समर्थकों का धरना जारी है, और वे तब तक प्रदर्शन करने की बात कह रहे हैं, जब तक उनकी शिकायत पर उचित कार्रवाई नहीं होती।

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