आगरा, 21 जून 2025 —
फर्जी शस्त्र लाइसेंस और अवैध हथियारों से जुड़े बहुचर्चित मामले में शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। इस मामले में शामिल चार आरोपियों ने एसटीएफ की कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी। इसी बीच एक आरोपी शोभित चतुर्वेदी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से एसटीएफ के जांच अधिकारी को बयान भेजा है, जिसमें उसने खुद को निर्दोष और मामले का पीड़ित बताया है।
एसटीएफ इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने 24 मई को धोखाधड़ी और आर्म्स एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कराया था, जिसमें सात लोग नामजद किए गए — जिनमें मोहम्मद जैद खान, नेशनल शूटर अरशद, राजेश कुमार बघेल, भूपेंद्र सारस्वत, शिव कुमार सारस्वत, शोभित चतुर्वेदी और सेवानिवृत्त आयुध बाबू संजय कपूर शामिल हैं।
एफआईआर में आरोप है कि भूपेंद्र सारस्वत के दो शस्त्र लाइसेंस फर्जी हैं और उनके कार्यालय में कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। वहीं, जैद और अरशद ने जन्मतिथि में हेराफेरी कर शूटिंग के बहाने शस्त्र लाइसेंस बनवाए, लेकिन कारतूस का रिकॉर्ड नहीं दिया।
शोभित चतुर्वेदी ने अपने बयान में दावा किया कि उसने भूपेंद्र सारस्वत से शस्त्र खरीदा था और बाद में पिस्टल की अदला-बदली राजेश बघेल से की थी। उसके अनुसार, भूपेंद्र से हथियार लेकर पैसे भी दिए थे, लेकिन अब वह रसीद देने से मना कर रहा है। उसने भाजपा नेता श्याम भदौरिया का हवाला देते हुए खुद को भी इसी तरह का पीड़ित बताया।
शोभित ने लाइसेंस प्रक्रिया में प्रस्तुत शपथपत्र में हुई गलती को टाइपिंग एरर बताया है। फिलहाल एसटीएफ सभी आरोपियों के बयान दर्ज कर रही है। जांच पूरी होने के बाद, इन बयानों और अन्य सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।