लखनऊ में उज्बेकिस्तान की दो युवतियों की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है, क्योंकि इन दोनों के पास न तो पासपोर्ट मिला और न ही वीजा, साथ ही उनके चेहरे पर प्लास्टिक सर्जरी के स्पष्ट संकेत भी पाए गए हैं, जिससे यह संदेह गहराता जा रहा है कि कहीं वे जासूसी मकसद से तो भारत में नहीं रह रही थीं। गिरफ्तार युवतियों की पहचान होलिडा और नीलोफर के रूप में हुई है, जो अवैध रूप से राजधानी में रह रही थीं और जिनको लखनऊ लाने वाली महिला ‘लोलो’ खुद उज्बेकिस्तान में वांछित है तथा उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हो चुका है।
पुलिस के अनुसार जब छापेमारी की गई तो लोलो वहीं मौजूद थी लेकिन समय रहते फरार हो गई। फिलहाल एफआरआरओ (Foreigners Regional Registration Office) और खुफिया एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क की जांच में जुटी हैं कि ये दोनों महिलाएं भारत में कब से और किन-किन शहरों में रह चुकी हैं, और क्या ये किसी विदेशी एजेंसी के लिए जासूसी कर रही थीं। इसके अलावा विभूतिखंड स्थित एक होटल में कुछ दिन पहले उज्बेकिस्तान की एक महिला का रहस्यमयी मौत का मामला भी इस घटना से जोड़ा जा रहा है। मामले की जांच कर रहे अधिकारी महेश कुमार सिंह ने बताया कि सभी पहलुओं पर गहराई से जांच हो रही है और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।