आगरा के सिकंदरा थाना क्षेत्र में एक बिल्डर ने देश की सीमाओं पर तैनात बीएसएफ के उप निरीक्षक के सपनों को रौंद दिया। फ्लैट देने का वादा कर बिल्डर ने सैनिक से 19 लाख रुपये हड़प लिए। छह साल बीतने के बाद न तो फ्लैट मिला और न ही रुपये वापस हुए। उल्टे रुपये मांगने पर बिल्डर ने गाली-गलौज और जान से मारने की धमकियां दीं। पीड़ित सैनिक की शिकायत पर पुलिस आयुक्त के निर्देश के बाद सिकंदरा थाने में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
धोखाधड़ी का पूरा मामला
शिकोहाबाद के फौजी गली निवासी प्रमोद कुमार बीएसएफ में उप निरीक्षक हैं और वर्तमान में कश्मीर में तैनात हैं। 2019 में उनकी मुलाकात अजय कुमार और केपी सिंह से हुई, जिन्होंने राधा किशन विहार, बाबरपुर में मातृश्री अपार्टमेंट का फ्लैट दिखाया। फ्लैट पसंद आने पर प्रमोद ने उसे बुक कर लिया। इसके बाद एमएस रोहित कंस्ट्रक्शन के मालिक अरविंद राना के खाते में कई किश्तों में 19 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए। समझौते के मुताबिक फ्लैट का पजेशन जल्द मिलना था, लेकिन छह साल बीत जाने के बाद भी फ्लैट नहीं मिला।
चेक बाउंस और धमकियों का सिलसिला
जब प्रमोद ने अपने रुपये वापस मांगे, तो बिल्डर अरविंद राना ने उन्हें चेक दिए। लेकिन बैंक में जमा करने पर सभी चेक बाउंस हो गए। इसके बाद भी जब सैनिक ने रुपये वापसी की मांग की, तो बिल्डर ने गाली-गलौज शुरू कर दी और जान से मारने की धमकियां दीं। थक-हारकर प्रमोद ने पुलिस आयुक्त से शिकायत की। उनके निर्देश पर सिकंदरा थाने में अरविंद राना, अजय कुमार और केपी सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया। थाना प्रभारी ने बताया कि साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सैनिक का दर्द और न्याय की उम्मीद
देश की रक्षा में दिन-रात डटे रहने वाले सैनिक की मेहनत की कमाई को इस तरह लूट लिया जाना न केवल दुखद है, बल्कि समाज के लिए भी गंभीर सवाल खड़ा करता है। प्रमोद कुमार का सपना था कि उनके परिवार के लिए एक सुरक्षित आशियाना हो, लेकिन बिल्डर की धोखाधड़ी ने उनके इस सपने को चकनाचूर कर दिया। अब उनकी उम्मीद पुलिस और कानून पर टिकी है। यह मामला उन तमाम लोगों के लिए सबक है जो बिना पूरी जांच-पड़ताल के बिल्डरों पर भरोसा कर अपनी जमा-पूंजी गंवा देते हैं।