घायल गायों को नहीं मिल रहा उपचार
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में गोवंश संरक्षण के सरकारी दावे हकीकत से कोसों दूर नजर आते हैं। बेवर क्षेत्र में घायल गोवंश सड़कों और खेतों में बेसहारा भटक रहे हैं। सरकार ने गोशालाओं के लिए भारी-भरकम बजट आवंटित किया है, लेकिन जमीनी स्तर पर इनकी हालत दयनीय बनी हुई है। घायल गायों को न तो समय पर चिकित्सा सुविधा मिल रही है और न ही गोशालाओं में उचित देखभाल। यह स्थिति गोवंश संरक्षण की योजनाओं की पोल खोल रही है। बेवर के ग्राम परौखा में कई दिनों से दो घायल गोवंश मेडिकल सुविधा के अभाव में दर्द सह रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में पशु चिकित्सक और वेटनरी वैन की सुविधा होने के बावजूद इन गायों को कोई राहत नहीं मिल रही। इसी तरह बझेरा रोड तिराहे पर एक गाय पैर की चोट के कारण लंगड़ाती हुई घूम रही है। आश्चर्य की बात यह है कि इस तिराहे से कुछ ही दूरी पर नगर पंचायत द्वारा संचालित कान्हा पशु आश्रय गृह मौजूद है, लेकिन वहां भी इन घायल गोवंश को जगह नहीं मिली। स्थानीय निवासियों ने गोशाला संचालकों और प्रशासन से इन पशुओं के उपचार की मांग की है।
प्रशासनिक लापरवाही और गोशालाओं की नाकामी
सरकार ने गोवंश की सुरक्षा और देखभाल के लिए कई अभियान चलाए हैं, लेकिन ये प्रयास कागजी साबित हो रहे हैं। गोशालाओं में गोवंश को रखकर उनकी देखभाल के दावे हवा-हवाई नजर आते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के निरीक्षण भी इस समस्या का समाधान नहीं कर पाए। गोशाला संचालक और ग्राम प्रधान इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे। क्षेत्र में घायल गोवंश सड़कों पर दर्द के साथ भटकते देखे जा सकते हैं, जो सरकारी योजनाओं की विफलता को दर्शाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गोशालाओं में न तो पर्याप्त संसाधन हैं और न ही पशुओं की देखभाल के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। पशु चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद घायल गोवंश उपेक्षित हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन तत्काल इन गायों को गोशाला में स्थानांतरित कर उनका इलाज कराए। यह स्थिति न केवल गोवंश संरक्षण की योजनाओं पर सवाल उठाती है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही को भी उजागर करती है। मैनपुरी के बेवर क्षेत्र में घायल गोवंश की दुर्दशा को देखकर यह स्पष्ट है कि सरकारी योजनाएं और बजट का लाभ जमीनी स्तर तक नहीं पहुंच रहा। स्थानीय लोग और पशु प्रेमी प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं ताकि इन बेसहारा गोवंश को राहत मिल सके।