- बोनस न मिलने से कर्मचारी हड़ताल पर बैठे
- रात 12 बजे से टोल प्लाजा फ्री हुआ,बिना टोल दिए ही निकल गए हज़ारो वाहन
शनिवार रात लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा से वाहन गुजरते रहे लेकिन उन वाहनों से न तो टोल लिया गया और न ही उन्हें रोका गया। टोल प्लाजा पर कर्मचारी तैनात थे, वह सब कुछ देखते रहे, सूचना पर पुलिस भी पहुंच गयी, लेकिन वह भी कुछ न कर सकी।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के फतेहाबाद स्थित टोल प्लाजा के 21 कर्मचारी को दिवाली का बोनस न मिलने पर हड़ताल कर धरने पर बैठ गए।इसकी वजह से शनिवार रात 12 बजे से टोल प्लाजा फ्री हो गया और हज़ारो वाहन बिना टोल दिए ही निकल गए।
श्रीसाईं व दातार कंपनी के कर्मचारी शनिवार रात को टोल प्लाजा के बूम खोलकर धरने पर बैठ गए,उनका कहना है कंपनी द्वारा 2-3 दिन से कहा जा रहा है कि दिवाली बोनस का पैसा उनके खाते में आ जाएगा, किन्तु अभी तक पैसा खाते में नहीं डाला गया। मांग पूरी न होने तक हड़ताल जारी रहेगी। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी।
अधिकारियों ने कर्मचारियों को समझाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने और टोल प्लाजा से लगातार वाहन गुजरते रहे।धरना प्रदर्शन करने वालों में मिंटू सिंह धाकरे,सचिन गोस्वामी, अतुल,दिलीप पांडे,रामकुमार केशव सिंह गुर्जर, शिवकुमार आदि रहे।दातार कंपनी के जनरल मैनेजर संजय सिक्का ने कहा कि हड़ताल को खत्म करने का पूरा प्रयास कर रहे है।
यमुना एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की संख्या सामान्य से कई गुना अधिक रही।सामान्यता एक दिन में 18 से 20 हज़ार तक गुजरने वालो वाहनों की संख्या शनिवार को बढ़कर करीब 45 हजार हो गई।सामान्य दिनों में टोल की 16 लाइने खोली जाती, त्यौहार को देखते हुए शनिवार को सभी 24 लाइन को खोल दिया है। इसके बाद भी ट्रैफिक पूरी तरह सामान्य नहीं हो सका।
शनिवार को रहनकलां टोल प्लाजा से वाहनों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ। नोएडा-दिल्ली की ओर से आने वाले वाहनों के लिए 16 लाइनें खुली रहीं। टोल इंचार्ज शिववीर सिंह के बताया कि सामान्य दिनों में 24 घंटों में 15 से 16 हजार गुजरते हैं। शनिवार को यह आंकड़ा बढ़कर 25 हजार तक पहुंच गया।
टोल पर वाहनों की एक किलोमीटर लंबी कतार लगी। यात्रियों को निकलने में परेशानी का समाना करना पड़ा। उन्हें दो मिनट के रास्ते को तय करने में 10 से पंद्रह मिनट लगे। जाम में जूझना पड़ा। टोल प्रबंधन को यातायात व्यवस्था सही करने के लिए टोल की इमरजेंसी लाइनों को खोलना पड़ा।





