आगरा। नेशनल हाईवे-19 पर भगवान टाकीज से रुनकता तक का stretch इन दिनों ‘डेथ ज़ोन’ में बदल चुका है। एक तरफ लगातार लगने वाले जाम से परेशान लोग, दूसरी तरफ हाईवे की रेलिंग तोड़कर बनाए गए ‘शॉर्टकट’… नतीजा, हर पल जान का खतरा। रोज़ गुजरने वाले हजारों वाहनों की तेज रफ्तार के बीच सबसे खतरनाक नज़ारा इन मिड-रेलिंग गैप्स पर देखने को मिलता है। कहीं लोगों ने खुद रेलिंग मोड़ दी, तो कहीं छोटे गैप को रोजमर्रा का रास्ता बना लिया है। यह लापरवाही सिर्फ नियमों की अनदेखी नहीं, बल्कि सीधा मौत को दावत देने जैसा है।
स्कूल बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएँ, सबसे ज्यादा जोखिम में
सुबह–शाम इन गैप्स पर सबसे ज्यादा भीड़ स्कूली बच्चों, वृद्धों और कामकाजी लोगों की दिखती है। दूर स्थित आधिकारिक क्रॉसिंग तक जाने की मजबूरी और जाम की दिक्कत के कारण लोग जोखिम उठाने को मजबूर हैं। “सुरक्षित रास्ता दूर है, इसलिए हम इसी से निकलते हैं,” स्थानीय निवासियों का कहना है।
ड्राइवरों का दर्द—‘अचानक सामने आ जाते हैं लोग, संभलने का मौका नहीं’
NH-19 पर चलने वाले बस और ट्रक ड्राइवर बताते हैं— “कई बार लोग अचानक सामने आ जाते हैं। हाईवे पर गाड़ी तेज चलती है, एक सेकंड की देरी हादसा बना देती है।” ड्राइवरों का कहना है कि इन गैर-मानक कट्स की वजह से हाईवे पर खतरा लगातार बढ़ रहा है।
कई हादसों के बाद लोग नहीं हो रहे जागरूक
स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस stretch पर कई दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं। एक दिसंबर को आईएसबीटी के पास दो एमबीबीएस के छात्रों की सड़क दुर्घटना में हुई मौत के बाद दो दिसंबर को 2023 को गुरुद्वारा के सामने सड़क दुर्घटना में दो महिलाओं सहित छः लोगों की मौत हुई थी। फिर भी न रेलिंग दुरुस्त हुई, न गैप बंद हुए। हाईवे अथॉरिटी और प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर चुकाना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि “जब तक सुरक्षित क्रॉसिंग नहीं बनेगी, रोज़ जान जोखिम में पड़ती रहेगी।”





