नगर निगम सदन में फूटा पार्षदों का गुस्सा, सत्तादल के पार्षदों ने भी लगाए उपेक्षा के आरोप

आगरा, 12 दिसंबर। नगर निगम के सदन में मंगलवार को पार्षदों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने अधिकारियों पर असहयोग के जमकर आरोप लगाए। पार्षदों ने कहा कि यहां तो भाजपा के पार्षदों के ही काम नहीं हो रहे हैं। हमें जनता के सवालों के जवाब देने होते हैं।
पार्षदों ने अधिकारियों के प्रति अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि कोई भी अधिकारी पार्षदों की बात नहीं सुनता है। नगरायुक्त कभी मुलाकात नहीं करते हैं, न ही फोन पर बात करते हैं। नगरायुक्त से कई बार विकास संबंधी बात करने की कोशिश की गई है।
वॉर्ड 36 के पार्षद राकेश कन्नौजिया ने कहा कि जनता ने तमाम उम्मीदों के साथ हमें वोट दिया है। हमें उनके सवालों के जवाब देने होते हैं। जनता हमसे कहती है कि तुम तो सत्ता में है, तब भी तुम्हारी बात नहीं सुनी जा रही। हम क्या जवाब दें। मधुनगर वॉर्ड के पार्षद अतुल अवस्थी ने भी अधिकारियों के रवैये पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि जेब में इस्तीफा लेकर घूमता हूं। काम नहीं होते तो इस्तीफा ही दे देता हूं।
सदन में पार्षदों ने वाहन उठाने के लिए दिए टेंडर पर जमकर हंगामा किया। पार्षद रवि माथुर का कहना था कि नगर निगम अधिकारियों ने बिना सदन में पास हुए कैसे वाहन उठाने का ठेका दे दिया। न ही विज्ञापन जारी किया गया। पहले पार्किंग की व्यवस्था की जाए। नगर निगम ने गलत पार्क किए हुए वाहनों को उठाने के लिए क्रेन सिस्टम शुरू करने की योजना बनाई है। पार्षदों के विरोध के बाद इस बिंदु को अगली बैठक में रखने का निर्णय लिया गया।

सदन की बैठक में पार्षदों ने सुझाव रखा कि सफाई कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए और शहर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए 1400 कर्मचारी रखे जाएं। हर वार्ड को पांच-पांच कर्मचारी दिए जाएं, जो नाले और नालियां साफ करें। 30 कर्मचारी वीआईपी रोड के लिए और 20 कर्मचारी यमुना किनारा रोड के लिए रखे जाएं। 20 कर्मचारी इमरजेंसी के लिए हों। इसके लिए 200 करोड़ रुपये एलॉट किए जाएं। इस पर निर्णय लिया गया कि अगले महीने तक इस पर अमल किया जाएगा।

सदन में पार्षदों ने पूछा कि नगर निगम की कितनी दुकानें हैं। कितना किराया आ रहा है, कौन सी दुकानों के स्वामी बदल दिए गए हैं। इस पर कहा गया कि नगर निगम के पास कर्मचारियों की कमी है। कंप्यूटर में डाटा फीड नहीं है। रिकॉर्ड नहीं है। पार्षदों ने इस पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि आज के समय के हिसाब से किराया निर्धारित करें, जिससे नगर निगम की आय भी बढ़े। अगली बैठक तक रिकॉर्ड एकत्र कर लें। पार्षदों के हंगामे में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का मुद्दा नहीं उठा।
1370 करोड़ रुपये का बजट पारित
बैठक में 1370 करोड़ रुपये का बजट विकास कार्यों के लिए पास कर दिया गया है। इससे पहले कार्यकारिणी की बैठक में बजट रखा गया था।
पुनरीक्षित बजट वर्ष 2023 24 में 917 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित है, अंतिम अवशेष के रूप में 454 करोड़ रुपये दर्शाए गए थे। मंगलवार को बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई।

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