9 साल…300 से ज्यादा तारीख । बार-बार मिलती धमकियां। सामने पॉवरफुल शख्स । पुलिस के सवाल जवाब, कोर्ट में वकीलों के तर्क-वितर्क। इन सबके बीच, इस लंबी लड़ाई में पीड़िता और उसके भाई ने हिम्मत नहीं हारी। वह लड़ते रहे। मंगलवार 12 दिसंबर को MP/MLA कोर्ट के जज ने फैसला सुनाते हुए कहा, “रामदुलार गोंड, 14 साल की लड़की से रेप मामले में तुम्हें दोषी करार दिया जाता है।”
कोर्ट का यह फैसला सुनते ही पीड़िता के भाई की आंखों से आंसू छलक पड़े। दोषी रामदुलार गोंड को पुलिस ने कोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। उन्हें जेल भेज दिया गया। रामदुलार गोंड सोनभद्र की दुद्धी विधानसभा सीट से BJP विधायक है। रामदुलार को 15 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी।
फैसले के बाद पीड़िता के भाई ने कहा, “हमें बहुत परेशान किया गया। धमकियां मिलीं। रामदुलार ने कई बार केस वापस लेने का दबाव बनाया। अब हम यही चाहेंगे की उसे सख्त से सख्त सजा हो। कम से कम 20 साल की। हमारा पूरा परिवार कैसे रह रहा
है।
तारीख 4 नवंबर 2014, म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में 14 साल की लड़की के साथ रेप की कोशिश की गई। डरी-सहमी लड़की रोते-बिलखते घर पहुंची। उसकी हालत देख भाई ने जब पूछा तो वह रो पड़ी। पीड़िता ने भाई को बताया कि गांव के प्रधान के पति ने उसके साथ रेप की कोशिश की। उस वक्त रामदुलार गोंड की पत्नी गांव की प्रधान थीं।
पीड़िता ने बताया कि उसने जान से मारने की धमकीभी दी है। पीड़िता का भाई म्योरपुर थाने पहुंचा।
उसने रामदुलार को नामजद करते हुए FIR दर्जकराई। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल करवाया।मजिस्ट्रियल बयान दर्ज हुए।
6 बार किया गया रेप, गर्भवती हुई पीड़िता
9 साल तक चले इस केस को समझने के लिए पीड़िता के वकील विकास शाक्य से हमने बातचीत की। उन्होंने बताया, “पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि रामदुलार गोंड उसके साथ करीब एक साल से रेप कर रहा था। उसने 6 बार उसके साथ जबरदस्ती की। 4 नवंबर को भी उसके साथ दरिंदगी करना चाहता था। लेकिन पीड़िता ने हिम्मत दिखाई औरउसके चंगुल से छूटकर अपने भाई के पास पहुंच गई। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।”
विकास शाक्य के मुताबिक, “पीड़िता ने अपने स्टेटमेंट में बताया कि वह (रामदुलार) पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देता था। इसलिए वह रामदुलार की दरिंदगी सहती रही। 4 नवंबर 2014 को वह खेत के लिए निकली थी, तभी रामदुलार मिल गया और उसके साथ रेप की कोशिश करने लगा।”
“पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि वह गर्भवती है। पुलिस ने रामदुलार को नामजद करते हुए पॉक्सो और रेप का केस दर्ज किया। जांच के दौरान पुलिस को पर्याप्त सबूत मिल गए। इसी आधार पर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। इसके बाद रामदुलार को जेल भेज दिया गया। लेकिन वह जमानत कराकर बाहर आ गया।”
कई सुनवाई में कोर्ट में पेश नहीं हुआ रामदुलार
वकील विकास शाक्य बताते हैं, “पहले यह मामला पॉक्सो कोर्ट में था। जमानत के बाद कोर्ट ने कई बार रामदुलार को तलब किया। लेकिन वह सुनवाई के दौरान कोर्ट में नहीं आता था। यही कारण रहा कि मामला इतना लंबा खिंचा। 300 से ज्यादा बार तारीख लगी, सुनवाई हुई।
विकास ने बताया, ”पिछले साल कोर्ट ने रामदुलारके खिलाफ वारंट जारी किया। 19 जनवरी 2022को अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत से यह वारंट जारी हुआ। इसके बाद वह कोर्ट में पेश हुआ। करीब 2 घंटे तक केस की सुनवाई हुई। इसके बाद रामदुलार चुनाव लड़कर विधायक बन गया तो केस MP/MLA कोर्ट में ट्रांसफर हो गया। फिर यहां सुनवाई शुरू हुई।”
पॉक्सो से बचने के लिए डॉक्यूमेंट से की छेड़छाड़ वकील ने बताया, “विधायक बनने के बाद अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रामदुलार ने पीड़िता के डॉक्यूमेंट में छेड़छाड़ की। एक प्राइवेट स्कूल से पीड़िता की फेक मार्कशीट बनवा दी। इसमें उसकी डेट ऑफ बर्थ में हेरफेर की गई। ताकि यह दिखाया जा सके कि पीड़िता बालिग है और वह पॉक्सो से बच सके। लेकिन कोर्ट में हमने प्रोटेस्ट किया। जिस स्कूल में लड़की पढ़ी थी, वहां के ओरिजनल दस्तावेज और स्कूल के प्रिंसिपल की गवाही करवाई गई।”
पीड़िता के ससुराल जाकर दी धमकी विकास शाक्य ने बताया कि परिवार ने पीड़िता की शादी कर दी थी। विधायक बनने के बाद रामदुलार कई बार उसके ससुराल गया। यहां उसे केस वापस लेने और बयान बदलने का दबाव बनाया। यह बयान पीड़िता के भाई ने कोर्ट में दिया। इसके साथ ही पीड़िता के घर वालों को कई बार धमकी मिली। लेकिन उन्होंने बहुत हिम्मत के साथ केस लड़ा।8 गवाहों और सबूतों के आधार पर दोषी
विकास शाक्य के मुताबिक, “हमारी तरफ से कुल 8 गवाह कोर्ट में हाजिर हुए। इसमें मेडिकल करने वाली डॉक्टर और पीड़िता के परिजन शामिल रहे। रामदुलार की तरफ से 3 लोगों ने गवाही दी। सबूतों में पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट और रामदुलार से संबंध के दौरान प्रेग्नेंसी की रिपोर्ट शामिल रही। पीड़िता के स्कूल के दस्तावेज दिए गए। पीड़िता के मजिस्ट्रेट बयान पेश किए गए। घटनास्थल से मिले एविडेंस भी कोर्ट के सामने रखे गए।”
रामदुलार अगर निर्दोष था तो उसे कराना चाहिए था DNA टेस्ट
विकास शाक्य ने कहा, “पीड़िता गर्भवती हुई। इस पर कोर्ट में बहस हुई। हमने प्रोटेस्ट किया कि अगर विधायक निर्दोष थे और पीड़िता उनके द्वारा गर्भवती नहीं हुई थी, तो खुद को निर्दोष साबित करने के लिए विधायक को भ्रूण का DNA करवाना चाहिए था। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। पीड़िता के साथ गलत हुआ है। कोर्ट ने इस बात पर सहमति जताई।”