CPP: सांसदों के निलंबन को लेकर केंद्र पर बरसीं सोनिया गांधी, कहा- ये इतिहास बदलने की साजिश, लोकतंत्र का गला..

कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में कहा कि सरकार ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है। संसदीय इतिहास में कभी भी इतने विपक्षी सांसदों को निलंबित नहीं किया गया था।

कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद कांग्रेस सांसदों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा में चूक की 13 दिसंबर की घटना अक्षम्य है। इस तरह की घटना को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है। पीएम मोदी को राष्ट्र को संबोधित करने और घटना पर अपने विचार व्यक्त करने में चार दिन से ज्यादा लग गए हैं। उन्होंने सदन के बजाए संसद के बाहर बयान देना बेहतर समझा। ऐसा करके उन्होंने संसद का तिरस्कार किया है। कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सदन की गरिमा को लेकर भी बात की।

इतिहास को बदलने की साजिश- सोनिया गांधी
कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि इस शीतकालीन सत्र में जम्मू-कश्मीर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए। ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ के पेश किया जा रहा है। कई लोगों द्वारा भारत के पहले प्रधानमंत्री और महान देशभक्तों को बदनाम करने के लिए इतिहास के ही साथ छेड़छाड़ की जा रही है, जो पूर्ण रूप से अस्वीकार्य है। बदनाम करने के लिए लगातार वे अभियान चला रहे हैं और इस प्रयासों का नेतृत्व पीएम और गृह मंत्री द्वारा किया जा रहा है, जिसका मोर्च वे खुद संभाल रहे हैं। अपने संबोधन में सोनिया गांधी ने कहा कि हम डरने वाले नहीं है और न ही कभी झुकेंगे। हम हमेशा सत्य का ही साथ देंगे, हम सच बोलने पर कायम रहेंगे।

सोनिया गांधी बोलीं, लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया
साथ ही अपने संबोधन में सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है। विपक्षियों की आवाज बंद करने के लिए लगातार विपक्षी सांसदों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्हें सदन की कार्यवाही से निलंबित किया जा रहा है। संसदीय इतिहास में यह पहली बार है जब इतने विपक्षी सांसद निलंबित किए गए हैं। अभी तक ऐसा कभी हुआ ही नहीं था। उचित और वैध मांग उठाने के बावजूद उन्हें निलंबित किया जा रहा है।

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