‘संसद में 2-3 युवाओं ने धुआं फैलाया और BJP के सांसद भाग गए’, इंडिया ब्लॉक के विरोध प्रदर्शन में बोले राहुल गांधी

भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A) ब्लॉक के नेता शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में 146 विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए गए संसद के शीतकालीन सत्र से निलंबित सांसद सुबह 11 बजे जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। साथ ही आज कांग्रेस पार्टी की ओर से सभी जिला मुख्यालयों पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का भी कार्यक्रम तय किया गया है।


भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A) ब्लॉक के नेता शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में 146 विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए गए संसद के शीतकालीन सत्र से निलंबित सांसद सुबह 11 बजे जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।


साथ ही आज कांग्रेस पार्टी की ओर से सभी जिला मुख्यालयों पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का भी कार्यक्रम तय किया गया है। निलंबित सांसदों में शामिल कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने गुरुवार को कहा कि I.N.D.I.A ब्लॉक का शुक्रवार का विरोध सभी राज्यों में किया जाएगा।


उन्होंने कहा, “विरोध करना उचित है और हम सभी दिल्ली में जंतर मंतर पर होंगे। I.N.D.I.A गठबंधन का विरोध कल (शुक्रवार) सुबह सभी राज्यों में होगा, क्योंकि हम जनता को दिखाना चाहते हैं कि क्या वे इस तरह से संसद चलाएंगे और विपक्ष की बात नहीं सुनेंगे तो वे लोकतंत्र को बर्बाद कर देंगे।”

Opposition March: विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ आक्रामक हुआ I.N.D.I.A, संसद से विजय चौक तक निकाला विरोध मार्च

जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन में ये सांसद हो रहे शामिल


एनडी गुप्ता, संदीप पाठक, संत बलबीर सीसेवाल और संजीव अरोड़ा सहित आम आदमी पार्टी के सांसद आज I.N.D.I.A ब्लॉक के विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। कुल 146 सांसद – लोकसभा से 100 और राज्यसभा से 46 – वर्तमान में दोनों सदनों में हंगामा करने और कार्यवाही में बाधा डालने के लिए निलंबित हैं, जबकि वे संसद सुरक्षा उल्लंघन के बारे में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे थे।

सदन में हंगामे को लेकर उपराष्ट्रपति ने जताया दुख
इससे पहले गुरुवार को राज्यसभा के 262वें सत्र के समापन के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए दुख हो रहा है कि टाले जा सकने वाले व्यवधानों के कारण उच्च सदन के लगभग 22 घंटे बर्बाद हो गए। राज्यसभा सभापति ने कहा, “मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि टाले जा सकने वाले व्यवधानों के कारण लगभग 22 घंटे बर्बाद हो गए, जिससे हमारी कुल उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।”

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सभी को क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “मैं आशवस्त हूं कि केवल मैं ही नहीं बल्कि बहुत ऐसे लोग हैं जिन्हें इस बात की उम्मीद है कि 2024 समग्र राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही सदन भी सकारात्मक रोल अदा करता रहेगा।”

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इससे पहले गुरुवार को जब लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही चल रही थी, तब निलंबित सांसदों ने विपक्षी सांसदों के थोक निलंबन के विरोध में संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकाला। विरोध मार्च में हिस्सा लेते हुए सीपीआई (एम) के जॉन ब्रिटास ने कहा, केंद्र को अब यह कहने के लिए संविधान में संशोधन करना चाहिए कि भारत एक राजशाही है।

उन्होंने एएनआई से बात करते हुए कहा, “हम लोकतंत्र की क्रूर हत्या के खिलाफ विरोध कर रहे हैं; लोकतंत्र की हत्या कर दी गई है। आप केंद्रीय गृह मंत्री को एकतरफा देख सकते हैं। यह विपक्ष-मुक्त संसद है। उन्हें (केंद्र) अब यह कहने के लिए संविधान में संशोधन करना चाहिए कि भारत एक राजशाही देश है।”


संसद से 146 विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ शुक्रवार को I.N.D.I.A के नेता जंतर-मंतर पर जुटे। प्रदर्शन का नाम सेव डेमोक्रेसी प्रोटेस्ट (लोकतंत्र बचाओ प्रदर्शन) दिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, शरद पवार समेत विपक्षी पार्टियों के कई नेता मौजूद रहे। ​​​​​​

संसद में सुरक्षा चूक पर ​राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग खुद के देशभक्त होने का दावा करते हैं, उनकी हवा निकल गई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी-शाह ने संविधान, डेमोक्रेसी को खत्म करने का प्लान बनाया है।


राहुल बोले- जो लोग संसद में घुसे, वो अंदर कैसे आए?


राहुल ने कहा, ‘कुछ दिन पहले संसद भवन में दो-तीन युवा कूदकर अंदर आ गए। उन्हें कूदते हुए हम सबने देखा। वे अंदर आए, उन्होंने थोड़ा धुआं फैलाया, भाजपा के सभी सांसद भाग गए… जो अपने आप को देश भक्त कहते हैं उनकी हवा निकल गई थी।’

उन्होंने कहा, ‘मैंने किसी से कहा कि देश में कहीं भी एक छोटा सा सर्वे करो कि देश के युवा मोबाइल (इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर) पर कितना समय बिताते हैं। जवाब मिला- साढ़े सात घंटे। नरेंद्र मोदी की सरकार में देश का युवा साढ़े सात घंटे सेलफोन पर रहता है, क्योंकि उसके पास रोजगार नहीं है। ये हिंदुस्तान की सच्ची हालत है। इसी के चलते वो युवा संसद में कूदकर आए।’

‘मीडिया में ये बात नहीं आई कि देश में बेरोजगारी है। मीडिया ने कहा कि पार्लियामेंट के बाहर सांसद लोग बैठे थे, वहां पर राहुल गांधी ने वीडियो ले लिया। मतलब इन्होंने ये नहीं कहा कि 150 सांसदों को पार्लियामेंट के बाहर कर दिया, ये सवाल मीडिया ने नहीं उठाया कि क्यों किया, कैसे किया। हमने अमित शाह से सवाल पूछा- भैया, आप होम मिनिस्टर हो, ये दो युवा जंप करके कैसे आ गए, बेरोजगारी पर दो सवाल पूछे तो 150 लोगों को उठाकर बाहर कर दिया। ये सिर्फ 150 लोग नहीं है, ये हिंदुस्तान की जनता की आवाज हैं।’

खड़गे ने कहा, मोदी-शाह ने संविधान, डेमोक्रेसी को खत्म करने का प्लान बनाया… 3 बड़ी बातें
‘ये I.N.D.I.A क्यों बना? मोदी-शाह ने संविधान, डेमोक्रेसी को खत्म करने का प्लान बनाया है। सस्पेंड हुए सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। देश के एक उच्च पद बैठे व्यक्ति कहते हैं कि जाति के चलते उनका अपमान हुआ। वो ये बात कैसे कर सकते हैं। जब देश में रेप होता है, दलितों को कुचला जाता है, संविधान की धज्जियां उड़ाई जाती है, हम नोटिस देते हैं तो कुछ नहीं होता।’


‘क्या मुझे ये कहना चाहिए कि दलित होने के चलते मुझे बोलने का मौका नहीं मिला। आपने सभी विपक्षी सांसदों को बाहर कर दिया और तीन क्रिमिनल बिल पास कर दिए। इन कानूनों से नागरिकों को परेशानी होने वाली है।’


‘आप सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स से कितना डराते हो। आप दबाने की कोशिश करते हो, हम उठकर खड़े हो जाते हैं। जब सब एक होते हैं तो अकेला मोदी कुछ नहीं कर सकता। मोदी जी को इतना घमंड है कि हम 400 सीट जीतेंगे। आप इतने पॉपुलर तो नहीं है। कर्नाटक-तेलंगाना-हिमाचल में गली-गली घूमे, लेकिन हारकर आए।’


सुरजेवाला ने कहा- मोदी विपक्ष रहित सदन चाहते हैं, हुसैन ने कहा- सरकार निरंकुश है
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मोदी विपक्ष रहित सदन चाहते हैं, लेकिन हम लड़ते रहेंगे। संसद में जो लोग घुसे थे, उन्होंने रंगीन धुआं उड़ाया था, अगर यह कुछ और होता तो देश की स्थिति कुछ और होती।


प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कहा- हम सदन में सिर्फ गृह मंत्री के बयान की मांग कर रहे थे। इस पर कई सांसदों को सस्पेंड कर दिया।

कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि संसद निर्णय लेने वाली सबसे बड़ी संस्था है। 700 से ज्यादा सांसद सीधे या अप्रत्यक्ष तरीके से चुनकर आते हैं। सरकार को सांसदों को सस्पेंड करने और इसके बाद सदन चलाने का अथिकार नहीं है। सरकार पूरी तरह से निरंकुश और अलोकतांत्रिक हो गई है।

अर्जुन राम मेघवाल बोले- उन्हें स्पीकर के कहने पर विश्वास क्यों नहीं है-


इस बीच, सांसदों के निलंबन पर एक बार फिर सरकार की तरफ से पक्ष रखा गया। दो केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन राम मेघवाल और प्रल्हाद जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मेघवाल ने कहा- स्पीकर संसद का कस्टोडियन (केयरटेकर) होते हैं। लोकसभा स्पीकर ने बार-बार कहा कि वो सुरक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं। उन्हें स्पीकर की बात भरोसा क्यों नहीं है? वे (विपक्षी सांसद) जानबूझकर चुनाव में हार की बदला ले रहे हैं। संसद में घुसपैठ बड़ा मुद्दा है। इसकी जांच करने के लिए कमेटी बना दी गई है, जो अपना काम कर रही है।

फिर उपराष्ट्रपति का अपमान किया गया। कांग्रेस मानती है कि सिर्फ उनके पास सरकार चलाने का अधिकार है। उनको लगता है कि उस व्यक्ति को उपराष्ट्रपति बनना चाहिए, जिसे वे (कांग्रेस) नॉमिनेट करे। वे PM नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को नहीं देख सकते। ये एक तरह से दलित, किसान और पिछड़ी जातियों का अपमान है।


विंटर सेशन में 146 सांसद निलंबित


संसद सुरक्षा चूक पर विपक्षी सांसद पीएम मोदी और अमित शाह से बयान देने की मांग रहे थे। हंगामे के चलते 14 से 21 दिसंबर तक लोकसभा और राज्यसभा से 146 सांसद सस्पेंड हुए। इसमें सबसे ज्यादा कांग्रेस के 61 सांसद (लोकसभा से 44, राज्यसभा से 17) हैं।

सोमवार यानी 18 दिसंबर को कुल 78 सांसदों (लोकसभा-33, राज्यसभा-45) को निलंबित किया गया था। आजादी के बाद पहली बार एक ही दिन में इतने सांसद निलंबित किए गए हैं। इससे पहले 1989 में राजीव सरकार में 63 सांसद निलंबित किए गए थे। पिछले हफ्ते भी 14 सांसदों को निलंबित किया गया था।

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