जम्मू-कश्मीर में मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम गुट) अलगाववादी संगठन पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। मसर्रल आलम के नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग को गैरकानूनी घोषित किया गया है। इसकी जानकारी गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर दी। संगठन पर यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है जिसमें गृहमंत्री शाह ने कहा कि ये आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं।
जम्मू कश्मीर में मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) को गैरकानूनी संघ घोषित कर दिया गया है। इसकी घोषणा देश के गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके की। साथ ही उन्होंने इस संघ को लेकर कहा कि ये आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को भड़काते हैं।
गृहमंत्री शाह ने ट्वीट कर दी जानकारी
गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया है। यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, साथ ही जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को भड़काते हैं।
संगठन का अंतरिम चेयरमैन मसर्रत आलम जेल में है बंद
मसर्रत आलम साल 2015 से जेल में हैं पहले कुछ समय तक वह कोट भलवाल जेल में बंद रहा और बीते चार वर्ष से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में में बंद हैं। साल 2008 और 2010 में कश्मीर में हुए हिंसक प्रदर्शनों का वह मुख्य सूत्रधार रहा है। कट्टरपंथी सैयद अली शाह के निधन के बाद उसे कट्टरपंथी हुर्रियत का अंतरिम चेयरमैन बनाया गया।
‘मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर’ (मसरत आलम गुट)’/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को सोशल साइट्स एक्स पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कियह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल है और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करता है और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते है.
उन्होंने कहा कि कि पीएम नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश स्पष्ट और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा. मसरत आलम फैक्शन को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते यूएपीए लगाकर प्रतिबंधित किया गया.
केंद्र सरकार ने बुधवार (27 दिसंबर) को मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर-मसरत आलम गुट (एमएलजेके-एमए) पर बैन लगा दिया. सरकार ने ये कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत की है. संगठन पर आरोप है कि उसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल थे और आतंकी समूहों का समर्थन कर रहे थे. इस बात की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया के जरिए दी.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संघठन’ घोषित किया गया है. यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं.”
केंद्र सरकार ने बुधवार (27 दिसंबर) को मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर-मसरत आलम गुट (एमएलजेके-एमए) पर बैन लगा दिया. सरकार ने ये कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत की है. संगठन पर आरोप है कि उसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल थे और आतंकी समूहों का समर्थन कर रहे थे. इस बात की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया के जरिए दी.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संघठन’ घोषित किया गया है. यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं.”
गृह मंत्री ने आगे कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा.”
कौन है मसरत आलम?
द हिंदू के मुताबिक, मसरत आलम साल 2010 में घाटी में हुए प्रो-आजादी प्रोटेस्ट के मुख्य आयोजकों में से एक था. उस दौरान के विरोध प्रदर्शनों के बाद आलम को कई अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार किया गया था और साल 2015 में रिहा कर दिया गया था. इसके बाद ही पीडीपी और बीजेपी के गठबंधन में दरार आई थी.