1524 से 2024 तक क्या है अयोध्या राममंदिर की कहानी जानिए अयोध्या राम मंदिर को लेकर लड़ाई का कारण

1524 में बाबर के द्वारा बनाए गए बाबरी मस्जिद के बाद, अयोध्या में बहुत वर्षों तक विवाद चला। 1992 में, बाबरी मस्जिद को तोड़ने के समय हिन्दू कर सेवकों के समूह ने इसे रामलला के जन्मस्थल के रूप में मानकर राममंदिर बनाने की मांग की। इसके परिणामस्वरूप, अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के लिए एक समझौता हुआ और 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन हुआ। यह एक महत्वपूर्ण घटना थी जो भारतीय समाज में विभाजन और समर्थन की चरम स्थिति को दर्शाती है।

देखिए राममंदिर के निर्माण का इतिहास व्यापक है।

1528 में बाबर के द्वारा बनाई गई बाबरी मस्जिद के स्थान पर हिन्दू समुदाय ने रामलला के जन्मस्थल के रूप में पूजन किया। इसके बाद, यहां एक राम मंदिर की मांग बढ़ी और विवाद उत्पन्न हुआ। 1992 में, बाबरी मस्जिद को तोड़ने के समय हिन्दू कर सेवकों के समूह ने इसे रामलला के जन्मस्थल के रूप में मानकर राममंदिर की मांग की। इसके परिणामस्वरूप, 1992 का बाबरी मस्जिद की तोड़फोड़ एक महत्वपूर्ण घटना बनी जो राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण थी। 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद का निष्कर्ष किया और रामलला के जन्मस्थल को हिन्दुओं को सौंपने का आदान-प्रदान किया। इसके बाद, 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन के साथ राममंदिर के निर्माण का आरंभ हुआ। और 22 जनवरी 2024 को श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी

देखिए अयोध्या रामजन्मभूमि के रहस्य

अयोध्या की रामजन्मभूमि की कहानी रामायण, एक प्राचीन हिन्दू एपिक, से जुड़ी है। रामायण
के अनुसार, राजा दशरथ और कुशल्या के पुत्र श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ था। इस स्थान को रामजन्मभूमि कहा जाता है।

रामजन्मभूमि विवाद के अर्थात् बाबरी मस्जिद के निर्माण के समय कुछ हिन्दू समुदाय ने इस स्थान को श्रीराम के जन्मस्थल के रूप में माना और यहां रामलला की पूजा करते थे। बाबरी मस्जिद का निर्माण 1528 में हुआ था, जिससे इस स्थान पर हिन्दू-मुस्लिम विवादउत्पन्न हुआ।

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद, भूमि पूजन के साथ राममंदिर का निर्माण 2020 में शुरू हुआ। इस घटना ने भारतीय समाज में विवाद और समर्थन की चरम स्थिति को दर्शाया है।

जानिए महत्वपूर्ण बिंदु राम मंदिर को लेकर कब क्या हुआ

  • 1528 : बाबरी मस्जिद का निर्माण, जो हिन्दू और मुस्लिम समुदायों के बीच विवाद का कारण बना।
  • 1992 : बाबरी मस्जिद की तोड़फोड़, हिन्दू कर सेवकों द्वारा जब यहां रामलला के जन्मस्थल के रूप में माना गया और राममंदिर के निर्माण की मांग की गई।
  • 2019 : सुप्रीम कोर्ट का निर्णय, जिसमें रामलला के जन्मस्थल कोहिन्दुओं को सौंपने का आदान-प्रदान किया गया।
  • 2020 : 5 अगस्त को भूमि पूजन के साथ राममंदिर केनिर्माण का आरंभ।
  • 2024 :आपको बता दें, कि श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, इस दिन पूरा विश्व त्यौहार की तरह बनायेगा ।

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