प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जूनागढ़ में आई श्री सोनल मां के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि सोनल मां ने व्यसन और नशे के अंधकार से समाज को निकाल कर नई रोशनी दी। सोनल मां ने समाज को कुरीतियों से बचाने के लिए निरंतर काम किया। वह आधुनिक युग के लिए प्रकाश स्तंभ की तरह थी।
TNF TODAY ,आगरा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जूनागढ़ में ‘आई श्री सोनल मां’ के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सोनल मां ने समाज में शिक्षा के लिए अद्भुत काम किया।
‘आधुनिक युग के लिए प्रकाश स्तंभ की तरह थी सोनल मां’
पीएम ने कहा कि सोनल मां ने व्यसन और नशे के अंधकार से समाज को निकाल कर नई रोशनी दी। सोनल मां ने समाज को कुरीतियों से बचाने के लिए निरंतर काम किया। वह आधुनिक युग के लिए प्रकाश स्तंभ की तरह थी। सोनल मां का पूरा जीवन जन कल्याण के लिए समर्पित रहा।
एकता और अखंडता की मजबूत प्रहरी थीं सोनल मां- पीएम मोदी
प्रधनामंत्री ने जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सोनल मां देश की एकता और अखंडता की एक मजबूत प्रहरी थीं। भारत विभाजन के समय जब जूनागढ़ को तोड़ने की साजिशें चल रही थीं तो उसके खिलाफ सोनल मां चंडी की तरह उठ खड़ी हुई थीं।
’22 जनवरी को अपने घरों में प्रज्वलित करें श्रीराम ज्योति’
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि अगर 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में पुराण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा तो सोनल मां भी बहुत खुश होंगी। मैं आज आप सभी को 22 जनवरी को घर पर श्री राम ज्योति जलाने के लिए आमंत्रित करता हूं। कल से हमने देशभर के मंदिरों की सफाई का अभियान भी चलाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जूनागढ़ में ऐ श्री सोनल मां के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित किया। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सोनल मां ने समाज की शिक्षा में बहुत बड़ा योगदान दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि मातृभूमि चारण समाज के सम्मान का केंद्र है, शक्ति का केंद्र है, संस्कारों और परंपराओं का केंद्र है.
उन्होंने कहा, ”मैं श्री सोनल मां के श्री चरणों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता हूं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.” उन्होंने आगे कहा, “सौराष्ट्र की उस शाश्वत संत श्री सोनल मां की परंपरा में, हम एक आधुनिक की तरह थे।” प्रकाश की एक किरण। आध्यात्मिक ऊर्जा, मानवतावादी शिक्षाएं, तपस्या… इन सभी ने उनके व्यक्तित्व में एक महान दिव्य आकर्षण पैदा किया। इसे आज भी जूनागढ़ और मद्रा के सोनारधाम में महसूस किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह भी कहा, ”श्री सोनल मां ने समाज को जागरूक करने के लिए बहुत बड़ा काम किया है.” उन्होंने समाज को व्यसन और नशे के अंधकार से मुक्त कर समाज में नई रोशनी लायी। सोनल मां ने समाज को बुराई से बचाने के लिए अपना काम जारी रखा। सोनल माँ देश की एकता और अखण्डता की सशक्त प्रहरी थीं। भारत विभाजन के समय जब जूनागढ़ को परास्त करने की साजिश चल रही थी तब श्री सोनल माँ ने चंडी की तरह इस साजिश का विरोध किया।
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘आज 22 जनवरी को जब अयोध्या में श्री राम मंदिर में पुराण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा तो हमारी श्री सोनल कितनी खुश होंगी?’ आज मैं आप सभी को 22 जनवरी को श्री राम ज्योति में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता हूं। जनवरी घर में रोशनी के लिए। कल से हमने देशभर के मंदिरों की सफाई का अभियान भी चलाया है।