क्या है एड्स जानिए एड्स से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी!!

वर्ल्ड एड्स डे ‘ वर्ष 1988 से हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है. इस दिन को बेहद महत्वपूर्ण दिवस के रूप में मनाने के पीछे सबसे बड़ा शुभसंकेत है एचआईवी संक्रमण के फैलाव के कारण होने वाली एड्स विश्‍वमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और बीमारी से मरने वालों के प्रति शोक व्याकुल करने के लिए समर्पित है.एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) मानव इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण इसके मरीज की जान जाती है.
एचआईवी महामारी इसके मरीज की इम्युनिटी पर हमला कर करती है इसके कारण दूसरी बीमारी से लड़ने की कार्यक्षमता कम कर देता है. दुनिया में अब तक 4 करोड़ से ज्यादा लोगों की जान एचआईवी एड्स (HIV/AIDS) की वजह से हुई है. बीमारी की खोज के 40 साल बाद भी एचआईवी एड्स दुनिया के सामने हेल्थ से जुड़ी सबसे बड़ी महामारियों में से एक है.
मौजूदा समय में करीब 4 करोड़ लोगों इस रोग से शिकार हैं. सिर्फ 2021 में ही 15 लाख लोग एचआईवी संक्रमण से पीड़ित हुए थे. इतना ही नहीं इस बीमारी ने 2021 में साढ़े 6 लाख व्यक्तियों के प्राण ले लिए थे . 1981 में इस बीमारी की खोज के बाद से अब तक एड्स वायरस से 8 करोड़ 42 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. वर्तमान में एचआईवी संक्रमण के दो तिहाई मामले सिर्फ अफ्रीका के कुछ देशों में है. ये आंकड़े एचआईवी एड्स की सलज्‍जता को बताने के लिए काफी है.
2020 तक, एड्स ने दुनिया में 36.3 मिलियन (27.2 मिलियन और 47.8 मिलियन के बीच) व्यक्तियों के प्राण ले लिए है, और अनुमानित 37.7 मिलियन लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं , जो इसे दर्ज इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण सार्वत्रिक
सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दों में से एक बनाता है। दुनिया के कई क्षेत्रों में एंटीरेट्रोवाइरल बरताव में हाल ही में सुधार के लिए आभार व्यक्त किया , एड्स महामारी से मृत्यु दर 2004 में अपने चरम के बाद से 64% कम हो गई है (2004 में 1.9 मिलियन, 2020 में 680 000 की तुलना में)। साल 2023 वर्ल्ड एड्स डे की थीम लेट कम्यूनिटीज लीड थी जोकि WHO की तरफ से स्वीक्रर्त की गयी है

आखिर यह संक्रमण कैसे फैलता है

यह संक्रमण शारारिक संबंद बनाने से तथा निरोध का प्रयोग न करने से फैलता है अवश्य ध्यान रखे की इस महामारी के पश्च्यात किसी के सम्बंद बनाने से बचें

जानिये इस जानलेवा बीमारी का उपचार


इस बीमारी का वर्तमान में अभी कोई उपचार नहीं है WHO इसकी दवा बनाने की कोशिश में जुडी है हालंकि अभी सफलता नहीं मिल पायी पर हम कोशिश कर रहे है

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