आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग (पीएचई) विभाग के पूर्व मंत्री जोशी से जुड़े स्थानों की धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी की जा रही है। राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में जोशी को जयपुर की हवा महल सीट से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस ने टिकट देने से इनकार कर दिया था।
पीटीआई, जयपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को ‘जल जीवन मिशन’में कथित अनियमितताओं से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में राजस्थान के पूर्व मंत्री महेश जोशी और कुछ अन्य लोगों से जुड़े परिसरों की तलाशी ली। पिछले साल संघीय एजेंसी ने केंद्र सरकार के कार्यक्रम से जुड़े मामले में कम से कम दो दौर की छापेमारी की थी।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग (पीएचई) विभाग के पूर्व मंत्री जोशी से जुड़े स्थानों की धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी की जा रही है। राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में जोशी को जयपुर की हवा महल सीट से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस ने टिकट देने से इनकार कर दिया था।
एजेंसी ने पहले दावा किया था कि कई बिचौलियों और संपत्ति डीलरों ने ‘जल जीवन मिशन’ से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने के लिए राजस्थान सरकार के पीएचई विभाग के अधिकारियों की सहायता की।
जांच में पाया गया कि ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित “फर्जी” कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को “रिश्वत” देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित निविदाएं हासिल करने में शामिल थे, ऐसा आरोप लगाया गया था।
जल जीवन मिशन में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले में ईडी की 10 टीमों ने पांच लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की। इसी कड़ी में पूर्व मंत्री महेश जोशी समेत जलदाय विभाग के दो अधिकारियों और दो ठेकेदारों के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। इसके अलावा डूंगरपुर और बांसवाड़ा में भी कार्रवाई किए जाने की जानकारी मिली है।
जानकारी के मुताबिक ईडी के पास महेश जोशी और जलदाय विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। इस आधार पर ईडी की टीम महेश जोशी को पूछताछ के लिए ईडी मुख्यालय आने का नोटिस भी दे सकती है।
घोटाले के संबंध में बड़ी राशि के फर्जी बिल ईडी के हाथ लगे हैं। इन्हीं बिलों को लेकर टीम विभाग के दोनों जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों से बात कर रही है