सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान देने वाले डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने अब अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर बयान दिया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने कहा कि हम राम मंदिर के खिलाफ नहीं हैं। चेन्नई में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हम मस्जिद को तोड़कर उसकी जगह मंदिर बनाए जाने का समर्थन नहीं करते हैं।
सनातन धर्म के खिलाफ अपनी जुबान से आग उगलने वाले डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने अब राम मंदिर पर बयान दिया है। उदयनिधि ने कहा कि हम मस्जिद को तोड़कर उसकी जगह मंदिर बनाए जाने का समर्थन नहीं करते हैं।
उदयनिधि ने गुरुवार को कहा, ‘जैसा कि हमारे नेता ने कहा था कि धर्म और राजनीति को न मिलाएं। हम किसी भी मंदिर निर्माण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम उस स्थान पर मंदिर बनाने का समर्थन नहीं करते हैं. जहां एक मस्जिद को ध्वस्त किया गया था।’
उदयनिधि ने सनातन को डेंगू और मलेरिया बताया था
कुछ दिन पहले उदयनिधि ने एक कार्यक्रम में सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोनावायरस से की थी और धर्म को खत्म करने को कहा था। इसके बाद से वे विवादों में घिरे हुए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने बी. जगन्नाथ द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। इसमें उदयनिधि के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी। जगन्नाथ के मुताबिक, ऐसी टिप्पणियां नफरत फैलाने वाले भाषण के समान हैं और अदालत ने इसी तरह के मामलों में कई निर्देश दिए थे। इसमें एफआईआर दर्ज करना भी शामिल है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील दामा शेषाद्रि नायडू ने कहा कि उदयनिधि ने कथित तौर पर स्कूली छात्रों के बीच अच्छी-बुरे धर्म को लेकर भी नफरत फैलाई है।
यह है पूरा मामला
तमिलनाडु CM एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में 2 सितंबर को एक कार्यक्रम में सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिया था। 4 दिन बाद 7 सितंबर को उन्होंने पहली बार सफाई दी। उन्होंने कहा, \’मैं किसी भी धर्म का दुश्मन नहीं हूं। मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया। मैं हिंदू धर्म नहीं सनातन प्रथा के खिलाफ हूं।
पिता भी बेटे के बचाव में आए थे
उदयनिधि के पिता एमके स्टालिन ने भी 7 सितंबर के दिन बेटे के बचाव के लिए आए थे। स्टालिन ने सोशल मीडिया पर बयान पोस्ट किया – भाजपा ने झूठी कहानी फैलाई है। पीएम ने भी बिना सच जाने इस पर कमेंट किया। दरअसल, बुधवार 6 सितंबर को मंत्रिपरिषद की एक बैठक में प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रियों को सनातन विवाद पर सख्त जवाब देने की बात कही थी।