Bihar Politics News नीतीश कुमार एक बार फिर पासा बदल सकते हैं। नीतीश कुमार के इस्तीफे को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं। ये वही नीतीश कुमार हैं जिन्होंने एक साल पहले कहा था कि मर जाना कबूल है लेकिन BJP के साथ जाना नहीं। वहीं नीतीश कुमार ने तो तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी तक घोषित कर दिया था।
नीतीश कुमार को लेकर सियासी अटकलों का दौर जारी है। नीतीश कुमार किसी भी वक्त मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे सकते हैं। राजद भी अलर्ट मोड पर आ चुकी है। तेजस्वी यादव लगातार अपने नेताओं और विधायकों के साथ मीटिंग कर रहे हैं। इस सबके बीच नीतीश कुमार का एक पुराना बयान भी लोगों को याद आ रहा है। जब नीतीश ने कहा था कि वो मरना कबूल करेंगे, लेकिन बीजेपी के साथ जाना नहीं।
‘मर जाना स्वीकार है…’
दरअसल, यह बात एक साल पुरानी है। साल 2023 में जनवरी के महीने में इसी तरह सियासी हलचल तेज थी। बिहार में कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे, तभी नीतीश कुमार ने सियासी अटकलों पर विराम लगाने के लिए पत्रकारों से कहा था- “मैं अब मरते दम तक BJP के साथ नहीं जाऊंगा। मुझे मौत स्वीकार है, लेकिन बीजेपी के साथ किसी कीमत पर नहीं जाऊंगा।”
‘चुनाव होने दीजिए…’
नीतीश कुमार जब यह बात बोल रहे थे तो उनके साथ तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव होने दीजिए, सबको पता चल जाएगा किसे कितनी सीटें मिलेंगी।
तेजस्वी यादव का ‘सपना’ चकनाचूर, 03 महीने पहले नीतीश ने कही थी ये बात
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को सीएम बनाना चाहते हैं। वहीं, नीतीश कुमार ने तीन महीने पहले तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी की पीठ पर हाथ रख कर कहा, “हम लोग साथ काम कर रहे हैं। ये बच्चा (तेजस्वी यादव) हम लोगों के साथ है।”