माफिया मुख्तार अंसारी* को 33 वर्ष 3 महीने 9 दिन पुराने गाजीपुर के फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में 13 मार्च 2024 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
सजा:
- आईपीसी 467/120 बी: उम्रकैद और ₹1 लाख जुर्माना
- 420/120 बी: 7 वर्ष की सजा और ₹50 हजार जुर्माना
- 468/120 बी: 7 वर्ष की सजा और ₹50 हजार जुर्माना
- आर्म्स एक्ट: 6 महीने की सजा और ₹2 हजार जुर्माना
अदालत:
- विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत
- 5 जून 2023 को अवधेश राय हत्याकांड में भी मुख्तार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी
मामला:
- 10 जून 1987 को गाजीपुर के जिलाधिकारी को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए फर्जी आवेदन
- गाजीपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर
- 4 दिसंबर 1990 को सीबीसीआईडी द्वारा मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज
- 1997 में आरोप पत्र दाखिल
अभियोजन पक्ष:
- एडीजीसी विनय कुमार सिंह और अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ला
प्रमुख बिंदु:
- मुख्तार सफेद टोपी और सदरी पहने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बांदा जेल से पेश हुआ।
- यह मुख्तार को आठवीं बार सजा हुई है।
- 54 पेज का फैसला सुनाया गया।
- मुख्तार को अब तक 7 मामलों में सजा मिल चुकी है।
- फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद सीबीसीआईडी ने मुकदमा दर्ज किया था।
- सुनवाई के दौरान तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो गई थी।
अगले कदम:
- मुख्तार अंसारी उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है।
यह सजा लोकसभा चुनाव से पहले मुख्तार अंसारी के लिए एक बड़ा झटका है।