सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की फैक्ट चेक यूनिट पर रोक लगाई, कहा- ये अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़ा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की फैक्ट चेक यूनिट (FCU) की अधिसूचना पर रोक लगा दी है। यह फैसला एक दिन बाद आया है जब सरकार ने FCU की अधिसूचना जारी की थी। सरकार ने इंटरनेट मीडिया (ऑनलाइन मीडिया) पर फर्जी कंटेंट की पहचान के लिए FCU स्थापित की थी।

FCU कैसे काम करती?

आईटी नियम में किए गए संशोधन के अनुसार, यदि FCU केंद्र सरकार से जुड़ी किसी जानकारी को फर्जी पाता, तो उसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म को हटाना होगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने रोक लगाने से किया था इनकार

इस मामले पर बॉम्बे हाई कोर्ट की खंडपीठ में दोनों जजों की राय अलग-अलग थी। बाद में इसे तीसरे जज के पास विचार के लिए भेजा गया था। याचिकाकर्ताओं ने SC का रुख किया था क्योंकि बॉम्बे HC ने संशोधन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में नागरिकों की अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़े बड़े संवैधानिक सवाल शामिल हैं, जिन पर विचार जरूरी है।

केंद्र सरकार ने किया था नोटिफाई

सरकार ने FCU को सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 के तहत अधिसूचित किया गया था। लेकिन आज मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बॉम्बे ही कोर्ट के 11 मार्च के आदेश को रद्द कर दिया। बॉम्बे HC ने एफसीयू की स्थापना पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

FCU के खिलाफ किसने लगाई थी SC में याचिका?

FCU को केंद्र सरकार से संबंधित सभी फर्जी खबरों या गलत सूचनाओं से निपटने या सचेत करने के लिए नोडल एजेंसी की तरह निर्मित किया गया है। FCU के खिलाफ याचिका स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने दायर की थी।

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