अब होगा बहुमुखी देशों का एक और मात्र कारण!!

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार के दिन विकासशील और गरीब देशों को आबहवा चेंज से निपटने के लिए फाइनेंशियल स्पोर्ट देने का मंगलाचरण करते हुए कहा कि उन्नत देशों को 2050 से काफी पहले कार्बन उत्सर्जन बिल्कुल बंद कर देना चाहिए।
दुबई में कर्यकृत संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन कॉप-28 में ‘ट्रांसफार्मिंग क्लाइमेट फाइनेंस’ पर एक अधिवेशन को निवेदन कर हुआ करते हुए मोदी ने कहा कि बहुपार्श्वीय विकास बैंकों को न केवल विकास के लिए बल्कि जलवायु कार्रवाई के लिए भी खरीदने की सामर्थ्य आर्थिक सहायता उपलब्ध करानी चाहिए। भारत और ग्लोबल साउथ के अन्य देशों ने जलवायु संकट में बहुत कम योगदान दिया है, लेकिन इससे सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।

अच्छा काम करने वालो को देगी अब सरकार ग्रीन क्रेडिट

संयुक्त राष्ट्र के संरक्षण में होने वाली इस बैठक में भू-मंडलीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जाने वाले उपायों पर चर्चा होती जा रही है और सामूहिक फैसले होते हैं। मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क को लेकर प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही मोदी ने कॉप-28 में ग्रीन क्रेडिट आत्मबल यानी पर्यावरण बचाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को प्रलोभन देने की पहल लांच की। यह पहल पर्यावरण मंत्रालय का है। इसके तहत जल संचय और वनीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें बेहतर काम करने वाली एजेंसियों, विभागों, संगठनों को ग्रीन क्रेडिट दिया जाएगा, जिसका वे कंपनी में एक निवेश प्रपत्र की तरफ इस्तेमाल कर सकेंगे।

160 से से ज्यादा देश ले रहे हिस्सा

कॉप-28 में 160 से ज्यादा देशों और दर्जनों वैश्विक कंपनी के प्रतिनिधिक हिस्सा ले रहे हैं। कई देशों की सरकारों के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री इसमें हिस्सा ले रहे हैं। मोदी ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर न सिर्फ भारत की प्रतिबद्धता दोहराई, बल्कि इस मोर्चे पर देश की उपलब्धियों को भी गिनाया। कहा कि पूरी दुनिया आज हमें देख रही है। इस धरती का हमें देख रहा है। हमें सफल होना ही होगा।

पीएम ने दो सदियों से प्रकृति का जमा कर पूर्वेक्षण करने वाले विकसित देशों पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली शताब्दी की गलतियों को सुधारने के लिए हमारे पास बहुत ज्यादा समय नहीं है। मानव जाति के एक छोटे हिस्से ने प्रकृति का अविचारपूर्वक दोहन किया। लेकिन इसकी कीमत पूरी मानवता को चुकानी पड़ रही है। सिर्फ मेरा भला हो, यह सोच दुनिया को अंधेरे की तरफ ले जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *