आखिर क्यों इतना उत्साह बढ़ गया लोगो में । के लोगो ने अपनी जान तक की परवाह नहीं की ।आखिर बाबा कहां गायब हो गया । 150 से भी ज्यादा लोगो की मौत होने के बाद क्यू इतना ढोंग फैलाया जा रहा है बाबाओ के नाम पर ।
आखिर क्यों महान सिद्ध पुरुषो का नाम भी डुबा रहे हैं । ऐसे ढोंगी लोग ।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में मची भगदड़ में अब तक 134 लोगों के मारे जाने की जानकारी सामने आ चुकी है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बाबा के जाने से पहले सब सही था। लेकिन जैसे ही पंडाल स्थल से बाबा का काफिला निकला, लोग बेकाबू हो गए।
एकदम से भगदड़ मच गई। गर्मी और उमस के कारण भी लोग बेचैन होकर भागने लगे। हाथरस के रतिभानपुर इलाके में सत्संग के समापन का काम आखिरी दौर में था। लेकिन तभी भगदड़ मच गई। एक खेत में आयोजन चल रहा था। पंडाल में आगे हजारों की संख्या महिलाएं बैठी थीं। कुछ महिलाएं उत्साह में पंडाल के खंभों पर भी चढ़ी हुईं थीं। लोगों को गर्मी से बचाने के लिए कोई खास प्रबंध नहीं किए गए थे।
दोपहर को करीब एक बजकर 45 मिनट पर बाबा का काफिला आयोजन स्थल से बाहर निकला। तब अनुयायियों को रोक लिया गया था। लेकिन जैसे ही काफिला निकला, इसके बाद अनुयायी एकदम से भागने लगे। बताया जाता है कि बाबा अपनी बीवी के साथ प्रवचन करते हैं। लोगों के मुताबिक बाबा के जाने के बाद लोग सम्मान के प्रतीक के रूप में माथे पर ‘मिट्टी’ लगाते हैं, जहां से बाबा का वाहन गुजरता है। बताया जा रहा है कि ऐसा करने के लिए ही लोग उतावले हो गए। जिसके कारण भगदड़ मच गई।
वहीं, गर्मी और उमस को भी घटना के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। लोग भीषण गर्मी से परेशान थे। भीड़ में कई लोगों का दम घुट गया और वे वहीं गिर गए। लोग एक-दूसरे को रौंदकर भागने लगे। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है?
एक युवती ने बताया कि लोग जल्दी में निकलने की कोशिश कर रहे थे। जिस कारण एकदम से माहौल बेकाबू हो गया। लोग बिना देखे एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। कोई गाइड करने वाला नहीं था, न ही कोई बचाने वाला। चारो ओर चीख पुकार मची थी। कुछ लोग गिरे थे, कुछ लोग उनको कुचलकर आगे बढ़ रहे थे। सत्संग में यूपी ही नहीं, राजस्थान, हरियाणा और एमपी के लोग भी आए थे। भीड़ इतनी थी कि 3 किलोमीटर तक वाहन फैले हुए थे। सीएम ने अधिकारियों को जांच के आदेश देते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है।
बाबा लोगों को इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व अधिकारी बताते हैं। बाबा की सुरक्षा में विशेष सेवादार तैनात रहते हैं और बाबा अपने सत्संग में जल को प्रसाद के रूप में वितरित करवाते हैं। बाबा के आयोजन इतने बड़े होते हैं कि तय डेट से 15 दिन पहले ही योजना, व्यवस्था शुरू हो जाती है। अब आखिर वो बाबा कहां गायब हो गया उसका अभी तक कुछ पता नहीं चल रहा हैं ।
आखिर वो बाबा कोन था ?
आइए हम आपको बताते हैं ।
नारायण साकार हरि या साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ था. पटियाली तहसील में गांव बहादुर में जन्मे भोले बाबा खुद को गुप्तचर यानी इंटेलीजेंस ब्यूरो का पूर्व कर्मचारी बताता था. दावा है कि 26 साल पहले बाबा सरकारी नौकरी छोड़ धार्मिक प्रवचन करने लगा . भोले बाबा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर में लाखों अनुयायी हैं । अगर वो बाबा इतना ही शक्तिशाली है के लोग उसको भगवान की तरह पूज रहे हैं । तो कहां गया उन लोगो का भगवान यानी के वो बाबा जो इतने लोगो को मौत के घाट उतार के चला गया । क्यू ऐसे लोगो के लिए अपनी जान कुर्बान करते हैं लोग आखिर कब तक ये ढोंगी बाबाओं के चक्कर में फसा रहेगा हमारा समाज
दोस्तो आपकी क्या राय है । ऐसे बनाओ के बारे में आप भी हमे कॉमेंट करके जरूर बताइएगा ।
ब्यूरो रिपोर्ट TNF Today