रिश्तो में दरार जानिए क्या है कारण?

किसी ने ठीक ही कहा है कि अपनेपन से ही रिश्ते बनते हैं और रिश्ते ही जीने की बजह होते है, साथ फेरो से बना अटूट बंधन को उस भगवान को  मान कर साथ चलने और जीने का वादा करते है यह रिश्ता भरोसे पर कायम होता है शादी जैसे पवित्र रिश्ते भावनाओ की वुनियाद पर टिके होते है, ऐसे में जब आप अपने साथी से भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस नहीं कर पाते, तो कहीं ना कहीं आप भावनात्मक लगाव के शिकार हो रहे हैं

आम तोर पर देखा जाता है कि दो लोगो के रिश्तों में अगर किसी तीसरे व्यक्ति के होने की अनुभूति होती है तो उस समय पर विश्वाश डगमगाता है इस समय रिश्ता ख़त्म होने के कगार पर आ जाता है।

अगर आपका साथी भावनात्मक रूप से आपसे दूर हो रहा है और आपको इस बात की भनक-भी नहीं है, तो…ऐसे में आप क्या करेंगे? जी हां, यह बात सुनने में अटपटी लग सकती है। लेकिन लंबे रिश्तों में अक्सर यह दौर देखा जाता है। खासकर पति-पत्नी के रिश्ते में। दरअसल, हमारी जिंदगी में भावनाओं और अपनेपन का बहुत महत्व होता है। अपनेपन से ही रिश्ते बनते हैं और हमारा जीवन रिश्तो से ही खुशनुमा होता है। 

पति-पत्नी का रिश्ता ऐसा होता है कि,शुरुआत में प्यार और ईमानदारी और बाद में अपनेपन के एहसास के साथ ही चलता है। लेकिन जब आपका साथी धीरे-धीरे और चुपचाप आपसे भावनात्मक लगाव तोड़ देता है तो उनका सफर बही से खत्म होता चला जाता है अगर साफ़ शब्दों में कहें तो दो लोगों का एक साथ सांस लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में रिश्तों में कपल साथ रह पाते हैं लेकिन उन्हें एक-दूसरे से किसी भी किसी तरह का कोई लगाव या फिर एक-दूसरे के लिए कोई केयर नहीं रहती या यूँ कह सकते है फॉर्मेलिटी रह जाती है।

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