भाजपा ने दिखाई अपनी पकड़, कांग्रेस ने दिखाई अपनी दम,
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के चुनाव के परिणाम आने में अब कुछ ही घंटे बाकी हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इन राज्यों में किसी भी पार्टी की विजय होती है तो वह मुख्यमंत्री के कार्यभार पर किसे चुनेगी?
भाजपा ने वर्तमान समय में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री कैंडिडेट घोषित नहीं किया। कांग्रेस के पास प्रतिनिधि तो हैं, लेकिन अधिष्ठाता वर्ग उन्हें लेकर कुछ सम्भ्रम में नजर आता है। बड़ा सवाल यह है कि नतीजे जैसे भी आएं, क्या भाजपा और कांग्रेस पुराने ही चेहरों पर अपना सिक्का चलायेगी या नए चेहरों को अपना गुणवत्ता बनायेगी। । चर्चा करने के लिए रामकृपाल सिंह, विनोद अग्निहोत्री, अवधेश कुमार, प्रेम कुमार और समीर चौगांवकर भी मौजूद थे।
आईये नज़र डालते है जब चुनाव के नतीजे सामने आने वाले हैं तो मध्य प्रदेश, और राजस्थान में मजबूत चेहरे सामने आने वाले है।
अवदेश कुमार का कहना है की मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का चेहरा मुश्किल है। छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव की पकड़ मजबूत हैं, लेकिन कांग्रेस जीत जाती है तो वह भूपेश बघेल को नहीं हटाने में असमर्थ रहेगी। राजस्थान में अशोक गहलोत लगातार यह बताने की कोशिश करते हुए नज़र आये कि आप मेरे लिए वोट दें। संकेत जो की उनके विपक्षी है वो उनके लिए अच्छे नहीं हैं। जब मल्लिकार्जुन खरगे और अजय माकन पार्टी अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत को मना रहे थे, तब गहलोत के नेताओं ने इस्तीफे देने की बातें भी कही। अगर जनता राजस्थान में कांग्रेस को वोट देती है तो वह वोट गहलोत के लिए माना जाएगा। भाजपा ने तो तीनों राज्यों में चहरो की घोषणा नही की गयी है। 2024 को ध्यान में रखते हुए भाजपा सामाजिक समीकरण, हिंदुत्व, नरेंद्र मोदी की प्रकृति, सभी को ध्यान में रखते हुए चेहरा तय करेगी।
चलिए जानते है वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान का अब क्या भविष्य देखते हैं?
समीर चौगांवकर का कहना है भाजपा ने दोनों नेताओं को सीएम कैंडिडेट की तरह पर प्रोजेक्ट नहीं किया था। मध्य प्रदेश में भाजपा को भारी बहुमत मिला तो चेहरा बदल सकता है। जीत आसान नहीं रही तो शिवराज बने रह सकते हैं। शिवराज के साथ मध्य प्रदेश में संघ साथ में है। वसुंधरा राजे के साथ राजस्थान में संघ साथ में नहीं है। राजस्थान में भाजपा की बड़ी जीत या छोटी जीत पर भी वसुंधरा राजे ही क्या मुख्यमंत्री बन पाएंगी यह देखने वाली बात होंगी, यह कहना मुश्किल है की मोदी नहीं चाहेंगे कि 2024 के लिए कोई अरूचिकर स्थिति बने। भाजपा की 2024 की राजनीति के लिए जो फिट बैठेगा, वही नेतृत्व करेगा।