मोमीन (मुस्लिम) कुत्ते क्यों नहीं पालते हैं?

क्योकि EEEस्लामिक हदीथ के अनुसार कुत्ता पालने वाले के घर में जिब्राइल एंजेल नहीं आएगा और कुत्ते पालने की के कारण से, अल्लाह की तरफ से जो जन्नत में इनाम मिलता है, उसमे से रोज 2 किरात की कटौती की जाएगी।

आपको सही जवाब तभी मिलेगा जब हम खुद धार्मिक ग्रन्थ को न पढ़े।

जैसा की कुछ लोग कह देते है की इसका धर्म से कोई लेना देना नहीं है तो इसलिए हम पहले साबित करेंगे की यह पूरी तरह धार्मिक मामला है।

हदीथ कुत्तों के विषय में क्या कहते है?

सुन्ना नसाई हदीथ —4283 [1] के समान

एक बार प्रोफेट साहब तकलीफ़ में थे क्योकि जिब्राइल एंजेल उनसे मिलने नहीं आया था। ऐसा पहली बार हुआ था की जिब्राइल प्रोफेट को अप्पोइटन्मेंट देकर मिलने नहीं आया। अगले दिन ही प्रोफेट ने उस कुत्ते के पिल्लै को (चूमने वाला नहीं ) जो टेबल के निचे रह रहा था उसे वहा से निकाले और उस जगह को पानी छिड़क कर पवित्र किया। उस रात जिब्राइल एंजेल उनसे मिलने आया तो प्रोफेट एंजेल से पूछते है:
“एंजेल आपने पिछली रात्रि मिलने का वादा किया था, क्यों नहीं मिले ?”
एंजेल कहता है, “हां किया था वादा, परन्तु हम (एंजेल) उन घरों में नहीं घुसते जहा पर कुत्त्ते या या उसकी तस्वीर हो”
अगले दिन प्रोफेट साहब ने सारे कुत्तों को जन्नत पहुंचाने का आदेश जारी किया।
(एक सज्जन इस वाक्य को ऐसा समझ लिया की प्रोफेट साहब कुतों को वाकई में जन्नत भेजेंगे। नहीं मेरा तात्पर्य था उन्होने मारने का आदेश दिया )
“जो भी कुत्ते को शिकार या देखभाल के अलावा पालेंगे, उसके परमेश्वर द्वारा दी गई इनामो में से 2 किराते प्रतिदिन के हिसाब से कटौती की जाएगी ” — 5480 सहीह बुखारी [2]
“प्रोफेट को यह कहते सुना; “फ़रिश्ते उस घर में प्रवेश नहीं करते हैं जिसमें कुत्ता या जिंदा प्राणी (मनुष्य या जानवर) का चित्र हो।”—4:54:448 सहीह बुखारी[3]
काले कुत्ते से विशेष लगाव:

प्रोफ़ेट ने कहा, “अगर कुत्ते प्राणी की नस्ल नहीं होती तो मुझे आदेश देना चाहिए कि वे सभी मारे जाएं; लेकिन हर शुद्ध काले कुत्तों को जन्नत पंहुचा (मार) डालो।” —हदीथ अबू दाऊद
मैंने (अबू धार ने ) प्रोफेट साहब से सभी काले कुत्ते के बारे में पूछा, उन्होंने कहा, “काले कुत्ते दुस्ट एवं शैतान होते है” —हदीथ सहीह मुस्लिम
ऐसा नहीं है की ग्रन्थ में सिर्फ घृणा है कुत्तो के प्रति प्रोफ़ेट ने कहा, “जब एक कुत्ता प्यास से मृत्यु को प्राप्त करने वाला था और कुएं के चक्कर लगा रहा था तभी एक एक इज़राइली वेश्या ने उसे देखा और अपनी जूती में पानी भर कर कुत्ते को पिलाया। तो परमेश्वर ने उसके इस अच्छे कार्य के कारण उसे माफ कर दिया।”
क्षमा इसलिए क्योकि वो यहूदी थी उसपर भी इजराइल की।
खैर कुत्तों के साथ इतना नाइंसाफी किया गया है तो यह घटना उसकी वसूली नहीं कर सकता।
हमेशा तर्क दिया जाता है कि प्रोफेट साहब ने लार्ज स्केल पर कुत्तो को जन्नत पहुंचाने का फरमान इसलिए दिया था की क्योकि वे रैबीज वाले कुत्ते थे।

हो सकता है। परतु ऊपर के हदीथ, कई सारी घटनाओ, और उलूल जुलूल चीजों को हराम सिद्ध करने के इतिहास देखते हुए ये तर्क गले नहीं उतरती।
अब कुछ लोग कुत्ता पालते है, शराब भी पिते है, सुवर का मांश भी खाते है, इसका मतलब ये नहीं की इन चीजों का इस्लामिक बेलिफ से कुछ लेना देना नहीं है।

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