राजस्थान के चुनाव में एक बार फिर से भरतीय जनता पार्टी की लहर आगयी है. इस बार ‘गहलोत का जादू’ नहीं ‘मोदी जी का मेजिक’ काम कर गया है. राजस्थान की जनता ने कांग्रेस की सात गारंटी के वादे को इंकार कर दिया है.
इसका मतलब है कि बीजेपी ने राज्य में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. वोटों की गिनती अभी भी जारी है.
इस बीच सीएम पद की रेस में वसुंधरा राजे के साथ दीया कुमारी के नाम की भी खूब चर्चा हो रही है. लेकिन अब एक नाम का जिक्र सबसे ज्यादा होता है और वो हैं महंत बालक नाथ. आइए आपको बताते हैं कौन हैं महंत बाबा बालकनाथ।
इनकी तुलना यूपी के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ से की जा रही है और इस कारण तमाम लोग इन्हें ‘राजस्थान का योगी’ (राजस्थान का योगी) भी कह रहे हैं, और उनका नाम बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में शुमार है. इस बार महंत बालकनाथ योगी तिजारा विधानसभा (Alwar) से चुनावी मैदान में उतरे हैं. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी इमरान खान (Imran Khan)को हजारों वोटों से अंतर से पीछे छोड़ दिया है. महंत बालकनाथ की अलवर के आसपास के क्षेत्रों में उनकी अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है. वे भाजपा के हिंदुत्ववादी चेहरे पर एकदम फिट बैठते हैं. चुनाव से पहले ही उन्हें राजस्थान में उपाध्यक्ष पद दिया गया था . ऐसे में उन्होंने ज्यादातर लोगों का ध्यान उनकी ओर खींचा था
बाबा बालकनाथ की तुलना यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से की जा रही है. उन्हें “राजस्थान का योगी” भी कहा जाता है। इसका कारण यह है कि बालकनाथ और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ दोनों ही “नाथ संप्रदाय” से हैं। दोनों महंतों की शक्ल भी एक जैसी है क्योंकि योग की तरह बालकनाथ भी भगवा रंग में रंगे हुए हैं. ऐसे में तमाम राजनीतिक विशेषज्ञ और राजस्थान के लोग राज्य में वसुंधरा राजा के विकल्प के तौर पर महंत बालकनाथ योगी के नाम पर चर्चा कर रहे हैं.
बाबा बालकनाथ के चुनावी मैदान में उतरते ही तिजारा सीट एक हॉट सीट बन गई थी. इस हाई प्रोफाइल सीट पर सभी की नजरें टिकी हुई थी.
मठ के आठवें महंत हैं बालकनाथ
महंत बालकनाथ योगी का जन्म 16 अप्रैल, 1984 को राजस्थान के अलवर जिले के कोहलाना गांव में एक किसान परिवार में हुआ था और उनका पूरा परिवार कई वर्षों से जन कल्याण और संतों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है। छह साल की उम्र में, मत्रा को उनके परिवार ने आध्यात्मिकता सीखने के लिए महंत केता नाथ के पास भेजा था। अपने गुरु से तैयारी कराकर उन्हें महंत चाँदनाथ के पास भेज दिया गया। उनकी बचकानी प्रवृत्ति को देखकर महंत चांदनाथ उन्हें बालकनाथ कहने लगे। 29 जुलाई 2016 को महंत चांदनाथ ने अपना उत्तराधिकारी चुना। इस प्रकार वे मठ के आठवें महंत बने। बालकनाथ महंत बाबा का मस्तानत मठ रोहतक में है। नाथ परंपरा के मुताबिक योगी आदित्यनाथ प्रदेश के अध्यक्ष और रोटक गादी उपाध्यक्ष हैं.
पिछले चुनाव में इस सीट पर बसपा ने जीत हासिल की थी.
2018 के आम चुनाव में तिजारा सीट पर बीएसपी के संदीप कुमार ने जीत हासिल की. उन्होंने कांग्रेस के इमदालुद्दीन अहमद खान को 4457 वोटों के अंतर से हराया. बीजेपी के संदीप दायमा तीसरे स्थान पर रहे.
बालकनाथ की जीत के बाद उनके अनुयायियों में खुशी का माहौल है.
आपको बता दें कि राजस्थान की 199 सीटों पर वोटों की गिनती शुरू हो गई है और शुरुआती रुझानों में बीजेपी बहुमत के आंकड़े को पार कर गई है. मालूम हो कि किसी राज्य में बहुमत पाने के लिए 100 सीटों की जरूरत होती है. लेकिन बीजेपी फिलहाल 115 सीटें जीतने का रुझान बना रही है. जबकि कांग्रेस के पास 71 और अन्य के पास 11 सीटें हैं.