किसान दिवस पर किसानों ने डीएम को अपनी आप बीती सुनाई बोले; ज़मीन चटोरी हो गयी है… बिना खाद कैसे भरे खेत का पेट?

उत्तर प्रदेश के आगरा में किसानों ने कहा डीएम साहब, डीएपी खा-खाकर जमीन चटोरी हो गई है। खेतों को लत लग गई। अब डीएपी नहीं मिल रही। ऐसे में बिना खाद कैसे खेत का पेट भरे। कैसे पैदावर बढ़े और हम क्या करें। यह चिंता बुधवार को किसानों ने डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी के सामने व्यक्त की। मौका था संजय प्लेस स्थित विकास भवन में आयोजित किसान दिवस का। जहां किसानों ने खाद, बीज, सिंचाई व अन्य समस्याएं रखीं।

भारतीय किसान यूनियन जिलाध्यक्ष राजवीर लवानिया ने डीएम के समक्ष डीएपी किल्लत की समस्या रखी। डीएम ने कहा डीएपी हो या एनपीके या एसएसपी। सभी खाद एक जैसे हैं। सभी में अमोनियम फॉस्फेट है। सिर्फ नाम का अंतर है। खाद की कोई कमी नहीं। जिन किसानों ने खेत की मिट्टी की जरूरत के हिसाब से उवरर्क इस्तेमाल किया है, उनसे राय ले सकते हैं। 

डीएम ने आगे कहा, सिर्फ रसायनिक खादों पर किसान निर्भर न रहें। कंपोस्ट व अन्य विकल्प भी अपनाएं। भारतीय किसान संघ प्रदेश मंत्री मोहन सिंह चाहर ने एफपीओ को सदस्यों के लिए डीएपी, एनपीके सहित सभी तरह के खाद उपलब्ध कराने की मांग रखी। डीएम ने तत्काल एफपीओ को एनपीके उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने कहा नहरों में पानी भरा है। घास खड़ी है। सिल्ट सफाई के नाम पर सिंचाई अभियंता 15 करोड़ का घोटाला कर रहे हैं। डीएम ने अधिकारियों की तरफ देखते हुए पूछा सिंचाई विभाग से कौन आया है। एक कर्मचारी खड़ा हुआ। बोला, अधिशासी अभियंता बीमार हैं। 

डीएम ने पूछा क्या उन्होंने आधिकारिक छुट्टी ली है। जवाब मिला, नहीं पता सर। डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिशासी अभियंता के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजने के निर्देश दिए। डीएम के सख्त तेवर का असर यह हुआ कि 15 मिनट बाद ही अधिशासी अभियंता दौड़े-दौड़े किसान दिवस में पहुंच गए।

दिगनेर के किसान ने बताया कि डिफेंस कॉरिडोर में जमीन के बदले मुआवजा मिला था। खाते में 6 लाख रुपये थे। न कोई ओटीपी आया, न कोई फोन। खाते से तीन बार में छह लाख रुपये उड़ गए। एफआईआर के बाद भी सायबर क्राइम पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। किसान ने सायबर क्राइम में बैंक कर्मियों पर मिलीभगत के आरोप लगाए। डीएम ने इस संबंध में पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजने के निर्देश दिए।

राज्य किसान सलाहाकार समिति पूर्व सदस्य वीरेंद्र सिंह परिहार ने निराश्रित गोवंश द्वार फसलों को उजाड़ने की समस्या रखी। अछनेरा के प्रगतिशील कृषक प्रेम सिंह ने कहा कि तहसीलों में अंश निर्धारण में लापरवाही से विवाद बढ़ रहे हैं। आलू किसान पुष्पेंद्र जैन ने आलू का ब्रीडर बीज दिलाने की मांग रखी। किसान नेता सोमवीर यादव, जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।


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