
आगरा कॉलेज प्राचार्य प्रो. अनुराग शुक्ला के पद पर तलवार लटकती दिखाई दे रही है प्रो. अनुराग शुक्ला ने अक्टूबर 2021 में स्थायी प्रिंसिपल के रूप में आगरा कॉलेज में अपना पद ग्रहण किया था। इसके बाद से ही विवाद शुरू हो गए। शिक्षकों ने वित्तीय अनियमितताओं के आरोप प्रिंसिपल पर लगाकर एक महीने से ज्यादा समय कर 2023 में धरना प्रदर्शन किया। अधिकारियों के बीच में आने के बाद धरना खत्म हुआ। उसके बाद भी विवाद लगातार बना रहा। इसी बीच आगरा कॉलेज बोर्ड ऑफ ट्रस्ट के सदस्य सुभाष ढल ने आगरा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराने के लिए अदालत में प्रार्थनापत्र दिया था। प्रो. अनुराग शुक्ला पर फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने का आरोप है।
शासन के आदेश पर प्रो.अनुराग शुक्ला को 12 फरवरी को प्राचार्य पद से निलंबित कर दिया गया था। उनकी जगह कार्यवाहक प्राचार्य के रूप में डा. सीके गौतम को बनाया गया था। उसके बाद प्रो. अनुराग शुक्ला ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट से स्टे मिलने पर 1 मई 2024 को प्रो. अनुराग शुक्ला दोबारा प्रिंसिपल बनाये गए।
प्रो.अनुराग शुक्ला ने उच्च शिक्षामंत्री योगेंद्र उपाध्याय के साथ उनके सहयोगियों व कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. सीके गौतम से खुद और अपने परिवार की जान-माल का गंभीर खतरा जताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मंगलवार को पत्र लिखकर सशस्त्र सुरक्षाबल उपलब्ध कराए जाने की मांग की थी। प्रो.अनुराग शुक्ला ने कहा कि डॉ. सीके गौतम की ओर से खुलेआम कहा जा रहा है कि वह दोबारा प्रो. अनुराग शुक्ला को आगरा कॉलेज का प्राचार्य नहीं बनने देंगे। चाहे किसी का भी आदेश हो जाए
11 नवंबर को उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा आयोग की पांच सदस्यीय कमेटी के सामने प्राचार्य प्रो. अनुराग शुक्ला ने 550 पेज का स्पष्टीकरण दे दिया। आयोग ने प्रो. शुक्ला के प्राचार्य पद के लिए निर्धारित अहर्ता में प्रमाण कूटरचित और असत्य बताये। इस पर प्रो. शुक्ला ने कहा कि सनराइज कॉलेज अलवर के शोधार्थी में गाइड के दस्तावेज को फर्जी बताया गया, जबकि दस्तावेज ठीक हैं।