आगरा। एसआईटी जिन मामलों की जांच में जुटी हुई है, उनमें 50 से अधिक लोग निशाने पर हैं। जांच में सामने आया है कि जिल्द बही में फर्जीवाड़ा कर बैनामा करने वालों ने 150 करोड़ रुपये कीमत की जमीनों का खेल किया गया है।
आगरा सदर तहसील के निबंधन कार्यालय में जिल्द बही में फर्जीवाड़ा कर बैनामा करने वालों ने 150 करोड़ रुपये कीमत की जमीनों का खेल किया है, उनके ऊपर जल्द ही मुकदमा दर्ज़ किया जायेगा। एसआईटी के भाैतिक सत्यापन में यह बात भी सामने आई है। कि सक्रिय माफिया की तलाश की जा रही है। उसकी पैठ निबंधन कार्यालय के कर्मचारियों से लेकर बड़ों तक भी है। शहर की बेशकीमती जमीनों के फर्जी बैनामे भी किए गए थे। उस जिल्द बही में लगा भी दिया गया था। कि इसके बाद जमीनों के साैदे किए गए हैं। इस पूरे खेल का पर्दाफाश पुलिस ने ही किया था। थाना सदर में 3 केस दर्ज किए गए हैं। थाना शाहगंज में भी केस लिखा गया है। इसके तुंरत बाद एसआईटी गठित की गई। यह 11 फर्जी बैनामों की जांच भी कर रही है। जिन जमीनों के फर्जी बैनामे किए गए, उनका भाैतिक सत्यापन भी किया जा रहा है।
जमीनें ताजगंज, सदर सहित अन्य इलाकों में ही हैं। इनकी कीमत भी करोड़ों में है। इन सभी की अनुमानित कीमत 150 करोड़ आंकी हुई है। इतने बड़े फर्जीवाड़े में चंद लोग ही शामिल नहीं हो सकते हैं।
प्राथमिक पड़ताल में पता चला है कि सिकंदरा क्षेत्र का एक दलाल फर्जी बैनामों का मास्टरमाइंड भी है। उसकी पैठ कर्मचारियों से अधिकारियों तक ही है। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकती है। अभी पता चलेगा कि और कितने लोग शामिल हैं, जहां पर्दे के पीछे रहकर भी कमाई कर रहे थे।
कार्रवाई के प्रार्थनापत्र अटके; पुलिस के पास विभिन्न बैंकों के कब्जे की कार्रवाई के पत्र भी अभी तक लटके हुए हैं। इन बैंकों ने भूखंड और भवन पर कब्जे के लिए पुलिस मांगी हुई है। नियमानुसार उन्हें निर्धारित शुल्क जमा करने पर कब्जा भी दिलाया जाएगा।
लोगों से होगी पूछताछ; अब तक की पड़ताल में एसआईटी को 50 से अधिक लोगों के बारे में जानकारी मिली हुई है। यह लोग तहसील में ही सक्रिय रहते हैं। जमीनों की खरीद फरोख्त में शामिल भी रहते हैं। यह लोग भी पुलिस के रडार पर हैं। इनसे एक-एक करके पूछताछ की जाएगी। इनसे तहसील में हुए बैनामों के फर्जीवाड़े के बारे में सब पता किया जाएगा।