दमोह जिले के युवक आयकर विभाग ने 6 करोड़ रुपये भेजा नोटिस

युवक को बकाया जीएसटी भरने की दी चेतावनी

मध्य प्रदेश। दमोह में ठेले पर अंडे बेचने वाले प्रिंस सुमन को जीएसटी विभाग ने 6 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है। नोटिस में उसके नाम से रजिस्टर्ड फर्म का जिक्र है। जिसके द्वारा कारोबार किया गया है। वही प्रिंस ने दावा किया कि वह कभी दिल्ली नहीं गया।

सोचकर देखिए आप सुबह-सुबह सोकर उठे हैं। आपके नाम एक चिट्ठी आती है। जिसमें लिखा होता है कि आपको 6 करोड़ रुपए देने हैं। वह भी उस काम के जो आपको पता ही नहीं है कि आपने किया है। यह देखकर आप सन्न रह जाएंगे। ऐसा ही ताजा मामला मध्यप्रदेश के दमोह से सामने आया है। यहां जीएसटी विभाग ने एक ठेले पर अंडे बेचने वाले युवक को 6 करोड़ रुपये का नोटिस पकड़ा दिया है। विभाग ने शख्स को बकाया जीएसटी भरने की चेतावनी दी है। यही नहीं जिसने कभी दिल्ली की शक्ल नहीं देखी उसे वहां उसके नाम पर रजिस्टर्ड फर्म द्वारा किए गए 50 करोड़ रुपये के कारोबार का रिकॉर्ड और दस्तावेज पेश करने को कहा है।

इतना सब सुनकर युवक हक्का बक्का रह गया है। उसका कहना है कि वह कभी दिल्ली नहीं गया है। उसके नाम से वहां फर्म रजिस्टर करके करोड़ों का कारोबार चल रहा है। जिसके बारे में उसको कोई जानकारी ही नहीं है।

दमोह जिले की पथरिया तहसील के वार्ड क्रमांक 14 में प्रिंस सुमन नाम का एक युवक रहता है। उसके पिता का नाम श्रीधर सुमन है। 18 मार्च को प्रिंस को डाक से जीएसटी विभाग का एक नोटिस मिला। नोटिस में उसके पैन कार्ड की डिटेल और लगभग 50 करोड़ रुपये के कारोबार का जिक्र था। नोटिस में बकाया जीएसटी करीब 6 करोड़ रुपये बताया गया है। प्रिंस को नोटिस देकर यह बकाया जीएसटी भरने की चेतावनी दी गई है। नोटिस देखकर प्रिंस हैरान रह गया। उसने अपने परिवार और दोस्तों को यह जानकारी दी, तो वे भी सन्न रह गए।

प्रिंस ने अपने पिता श्रीधर सुमन से सलाह ली। फिर वह अपने दोस्तों के साथ जीएसटी के जानकार वकील अभिलाष खरे के पास गया। वकील ने नोटिस पढ़कर बताया कि यह असली है। नोटिस में लिखा था कि प्रिंस के पैन कार्ड के आधार पर दिल्ली के स्टेट जोन 3, वार्ड नंबर 33 में प्रिंस इंटरप्राइजेज नाम से एक फर्म 2022-23 से चल रही है। यह फर्म आयरन, चमड़ा और लकड़ी का कारोबार करती है। साल 2022-23 में फर्म ने लगभग 50 करोड़ रुपये का कारोबार किया है और इसका जीएसटी नहीं भरा है। इसलिए नोटिस भेजा गया है।

प्रिंस सुमन ने मीडिया को बताया कि मैं अपने जीवनकाल में कभी दिल्ली नहीं गया हूं। कुछ वर्ष पहले मैं इंदौर में जरूर काम करता था। करीब एक साल वहां रहा हूं। इस दौरान भी मैंने अपना पैनकार्ड और आधार किसी को नहीं दिया था। प्रिंस ने बताया कि उसने स्थानीय पुलिस थाने में इस बारे में लिखित शिकायत दी है। उसने आयकर विभाग को भी पत्र लिखकर सारी जानकारी दी है और इस मामले में जांच कराने की मांग की है।

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