ई-रिक्शा वालों की लापरवाही से हर माह 2 लोग गवा रहे ज़िन्दगी
दिल्ली। दिल्ली में ई-रिक्शा और ग्रामीण सेवा चालकों की लापरवाही के कारण लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं। वही हर माह लगभग 2 लोग मर रहे हैं और 9 से अधिक एक्सिडेंट हो रहे हैं। चालान और गाड़ियों की जब्ती के बावजूद चालकों का नियम पालन नहीं करना आम बात है, जिससे उनकी और सवारी की जान खतरे में है।
दिल्ली में ई-रिक्शा चालक और ग्रामीण सेवा वालों के नियम में गाड़ी नहीं चलाने की शिकायत अक्सर आती है। हालांकि दिल्ली जैसे शहर में ई-रिक्शा और ग्रामीण सेवा लोगों की जरूरत बन गई है। लेकिन, उनकी लापरवाही और नियम का पालन नहीं करने के चलते लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ रही है। यही नहीं, कई मामलों में ई-रिक्शा चालक या उसकी सवारियों की भी दूसरी गाड़ी के चपेट में आने से मौतें हो रही हैं। ट्रैफिक पुलिस लगातार ट्रैफिक नियम का पालन नहीं करने पर ऐसे ई-रिक्शा चालक और ग्रामीण सेवा चालक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनका चालान काटती है तो कई बार उन्हें जब्त भी करती है। उसके बावजूद ई-रिक्शा चालक और ग्रामीण सेवा चालक नियम का पालन नहीं करते हैं।
दिल्ली में डेढ़ लाख से अधिक ई रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। वहीं ग्रामीण सेवा भी करीब 3 हजार के आसपास है। ट्रैफिक पुलिस की आंकड़ों की मानें तो सड़क पर विपरीत दिशा में गाड़ी चलाना हो, बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना, अनुचित या गलत पार्किंग करना, ड्राइवर सीट पर एक्स्ट्रा यात्री को बिठाना इनकी आदत है। आंकड़ों की मानें तो ई-रिक्शा चालक की लापरवाही के कारण हर महीने दो लोगों की जान जा रही है और करीब 9 से अधिक एक्सिडेंट के मामले सामने आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ ढाई महीने के अंदर ई-रिक्शा चालक की लापरवाही से 6 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 27 एक्सिडेंट के मामले सामने आए हैं। वहीं दूसरी गाड़ी के चपेट में आने से ई-रिक्शा चालक या ई-रिक्शा पर बैठे 5 लोगों की मौत हो चुकी है। 26 लोग घायल भी हुए हैं।
पिछले वर्ष की बात करें तो ई-रिक्शा चालक की लापरवाही से 112 एक्सिडेंट के मामले सामने आए थे, वही जिसमें 20 लोगों की मौत हुई थी। दूसरी गाड़ी की चपेट में आने से 21 ई-रिक्शा चालक और सवारी की मौत हुई थी और 131 एक्सिडेंट के मामले सामने आए है। हालांकि इस मामले में ग्रामीण सेवा चालकों की स्थित कुछ बेहतर है। 2024 में ग्रामीण सेवा चालक की लापरवाही से दो लोगों की मौत हुई थी और 19 एक्सिडेंट के मामले सामने आए थे। वहीं 15 मार्च तक दो एक्सिडेंट के मामले सामने आए हैं। लेकिन एक भी मौत नहीं हुई।