शमशाबाद। राजराजेश्वरी धाम, त्यागी अवधूत आश्रम, जारोली टीला, गुफाधाम शमशाबाद में आयोजित अखण्ड 108 श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव श्रद्धा और भक्ति के महासागर में परिवर्तित होता जा रहा है। शुक्रवार को भव्य कलश यात्रा के साथ आरंभ हुए इस महोत्सव के दूसरे दिन पूरा पांडाल श्रीकृष्ण और हरि-नाम के संकीर्तन से भक्तिमय हो गया। दूसरे दिन प्रातःकाल गणेश पूजन, वेद पूजन एवं मूल पाठ के साथ विधिवत धार्मिक अनुष्ठान प्रारंभ हुए। इसके पश्चात प्रसिद्ध युवा भागवताचार्य पं. पुंडरीक गोस्वामी महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा का अमृतमय रसपान कराया। कथा के दौरान जैसे ही भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और भक्त प्रह्लाद की कथा का वर्णन हुआ, पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। भजन-कीर्तन और हरिनाम संकीर्तन के बीच वातावरण पूरी तरह आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो उठा। महिलाएं भक्ति भाव से आरती करती नजर आईं, वहीं युवाओं और बुजुर्गों की उपस्थिति ने आयोजन को और अधिक दिव्य बना दिया। हरे कृष्ण हरे राम के जयघोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। आयोजन के प्रेरणा स्रोत अवधूत संत लोकेशानंद महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि श्रीमद्भागवत कथा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि मानव जीवन को सही दिशा देने का दिव्य ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि कथा का श्रवण करने से मन शुद्ध होता है और समाज में सद्भावना बढ़ती है। आयोजन समिति के अनुसार प्रतिदिन देश-भर से संत-महात्माओं का आगमन हो रहा है, जिससे आयोजन की भव्यता निरंतर बढ़ती जा रही है। भक्तों के लिए विशेष बैठने की व्यवस्था, जल सेवा और प्रसाद वितरण की उत्तम व्यवस्था की गई है।कथा का आयोजन प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक किया जा रहा है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। दूसरे दिन की कथा के समापन पर महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें पूरा पांडाल दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। कार्यक्रम में प्रधान परीक्षित पंडित महेशचंद गुधैनिया कोलारी वाले की मुख्य उपस्थिति थी। कार्यक्रम का समापन 14 दिसंबर को पूर्णाहुति, भव्य समारोह और विशाल प्रसाद वितरण के साथ होगा। आयोजन समिति ने अधिक से अधिक श्रद्धालुओं से इस पावन आयोजन में सहभागी बनने की अपील की है।
---Advertisement---
---Advertisement---





